उदयपुर के बेड़वास में जीबीएच अस्पताल में अनियमित निर्माण को लेकर विधानसभा में हंगामा खड़ा हुआ।
ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इस मुद्दे को उठाया। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सदन में जवाब देते हुए बताया कि उदयपुर के जिला कलेक्टर ने 1998 में 69,650 वर्ग मीटर भूमि अमरीकन इंटरनेशनल हेल्थ मैनेजमेंट लि. को 99 साल की लीज पर आवंटित की थी। निर्माण स्वीकृति में दो साल की समय सीमा निर्धारित की गई थी।
1999 में, 7500 वर्ग मीटर अतिरिक्त भूमि आवंटित की गई। हालांकि, अमरीकन इंटरनेशनल ने आवंटित भूमि और निर्माण स्वीकृति से अधिक निर्माण कर लिया।
खर्रा ने बताया कि आवंटित भूमि पर भूतल प्लस चार तल, भूतल प्लस तीन तल और भूतल प्लस दो तल के पांच भवनों के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी। इसके अलावा, दो भवनों के केवल भूतल के निर्माण की अनुमति थी।
लेकिन, कंपनी ने भूतल के बिना ही ऊपरी मंजिलों का निर्माण कर लिया और अतिरिक्त मंजिलों का भी निर्माण किया। नगर निगम ने 12 जुलाई, 2024 को अवैध निर्माण के लिए नोटिस जारी किया।
मंत्री ने कहा कि कंपनी ने बिना अनुमति के नर्सिंग हॉस्टल (भूतल प्लस 8 तल) और प्रोफेसर भवन का भी निर्माण कर लिया। इसके अलावा, राजस्थान माइंस एंड मिनरल्स लि. और एमबी अस्पताल उदयपुर के साथ धोखाधड़ी और जालसाजी की शिकायतें भी मिली हैं।
खर्रा ने घोषणा की कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यूडीएच, स्वास्थ्य और खनिज विभाग की एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की जाएगी, जो चार या पांच सप्ताह में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इसके अलावा, नगर निगम को 72 घंटों के भीतर अवैध निर्माणों को सील करने और विधानसभा सचिवालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। ग्रामीण विधानसभा ने मंत्री की घोषणा का स्वागत किया और कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने इस मुद्दे पर जवाब देने से इनकार कर दिया था।