IAS अधिकारी ने विकलांगता कोटे पर उठाए सवाल

विकलांगता कोटे के दुरुपयोग पर IAS स्मिता सभरवाल का सवाल, शिवसेना ने किया भेदभाव का आरोप

दिल्ली: ट्रेनी IAS ऑफिसर पूजा खेडकर पर विकलांगता कोटे के दुरुपयोग के आरोपों की जांच चल रही है। इस बीच, तेलंगाना की IAS स्मिता सभरवाल ने सिविल सेवाओं में विकलांगता की आवश्यकता पर सवाल उठाए हैं।

सभरवाल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “IAS और IPS समेत अन्य सिविल सेवकों को जमीन पर उतर कर काम करने की आवश्यकता होती है। उनका शेड्यूल लंबा और थका देने वाला होता है। ऐसे में जरूरी है कि एक अधिकारी शारीरिक रूप से फिट हो।”

सभरवाल ने कहा, “मैं दिव्यांग लोगों का पूरा सम्मान करती हूं, लेकिन क्या कोई एयरलाइन दिव्यांग पायलट को काम पर रखती है? क्या कोई व्यक्ति, सर्जरी करवाने के लिए दिव्यांग सर्जन पर भरोसा करेगा? यह एक प्रीमियर सर्विस है जिसमें स्पेशल कोटा देने की क्या जरूरत है?”

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने सभरवाल के बयान की आलोचना करते हुए कहा कि यह “दयनीय और भेदभावपूर्ण” है। उन्होंने कहा, “मैंने पहली बार किसी ऑफिसर को सभी के लिए बराबरी का रास्ता खोलने वाले आरक्षण की आलोचना करते देखा है।”

जवाब में, सभरवाल ने कहा कि अगर नौकरशाह सरकार के प्रासंगिक मुद्दों पर बात नहीं करेंगे, तो कौन करेगा। उन्होंने कहा, “मैंने अपने विचार और चिंता 24 साल की नौकरी के बाद सामने रखे हैं। सिविल सेवा की मांग अन्य सरकारी नौकरियों से अलग है। अन्य नौकरियों में दिव्यांगों को बेहतर अवसर मिल सकते हैं।”

विकलांगता कोटे का विवाद

पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाने का आरोप है। यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल (YCM) अस्पताल ने उन्हें 7% दिव्यांगता का प्रमाण पत्र जारी किया था, जबकि UPSC के नियमों के अनुसार विकलांगता कोटे से चयन के लिए कम से कम 40% विकलांगता होना जरूरी है।

इस मामले में UPSC ने FIR दर्ज कराई है, जबकि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच पूजा के खिलाफ धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत जांच कर रही है।

इस विवाद के बाद, यूपी के पूर्व IAS अधिकारी अभिषेक सिंह पर भी फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र लगाने के आरोप लगे हैं। सिंह ने अपने जिम वर्कआउट और डांस करने के वीडियोज वायरल होने के बाद विकलांगता कोटे से अपने चयन को लेकर सवालों का सामना किया।

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