राजस्थान मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन
राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (आरएमसीटीए) से जुड़े सभी मेडिकल शिक्षकों ने पीडीयू मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन किया, जब राज्य सरकार ने राजमेस (राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सेवा) में पहले से कार्यरत मेडिकल शिक्षकों को “डाइंग कैडर” घोषित कर दिया।
आरएमसीटीए के सभी डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहे, जिससे अस्पताल की कार्यप्रणाली प्रभावित हुई। रोगियों को डॉक्टरों से परामर्श के लिए भटकना पड़ा और सोमवार को होने वाले ऑपरेशन स्थगित कर दिए गए। साथ ही, मेडिकल कॉलेज में मेडिकल छात्रों की पढ़ाई भी बाधित हो गई।
आरएमसीटीए के अध्यक्ष डॉ. मुकेश खेदड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट घोषणा में नए डॉक्टरों को राजस्थान सेवा नियमों (आरएसआर) के अंतर्गत लाया है, जबकि पहले से कार्यरत डॉक्टरों को इन नियमों से वंचित रखा गया है। इससे अनुकंपा नियुक्ति, छुट्टी का नकदीकरण और पीएल जैसे बुनियादी लाभों से उन्हें वंचित किया जा रहा है।
डॉ. राजेश शर्मा ने कहा कि पुराने मेडिकल शिक्षकों को “डाइंग कैडर” घोषित करने से प्रदेश के सभी 17 मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों में भारी नाराजगी है। अब वे विरोध प्रदर्शन के मार्ग पर हैं।
आरएमसीटीए के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों को लेकर चिकित्सा मंत्री और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से जयपुर में वार्ता की। डॉ. खेदड़, डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राजेश शर्मा, डॉ. दीपक चौधरी, डॉ. राजेंद्र रायल, डॉ. विश्वजीत सिंह, डॉ. कुलदीप बिजारणिया और डॉ. खुर्शीदा बानो सहित अन्य मेडिकल शिक्षक प्रदर्शन में शामिल हुए।