पाली जिले के रोहट दिवांदी गांव के निकट स्थित तोणेश्वर महादेव मंदिर परिसर में युवाओं ने मानसून की विलंबित और अपर्याप्त वर्षा के कारण शुष्क स्थितियों से व्याप्त होकर, भारी बारिश की कामना करते हुए एक घंटे तक हवन अनुष्ठान किया।
हवन में शामिल सामाजिक कार्यकर्ता दीपक बामणिया ने साझा किया कि वर्तमान मानसून सीजन असामान्य रूप से कमजोर रहा है, जिसके परिणामस्वरूप पाली जिले में पर्याप्त वर्षा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि चिलचिलाती गर्मी ने क्षेत्र के निवासियों की दुर्दशा बढ़ा दी है।
इस स्थिति से निपटने के लिए युवाओं ने तोणेश्वर महादेव मंदिर में हवन किया, भगवान शिव और वर्षा के देवता इंद्र से प्रार्थना की कि वे क्षेत्र को जीवनदायी वर्षा प्रदान करें। हवन में रणजीत जोधा, शंकर देवासी, गोविंदसिंह सिसोदिया, आलम भाट, मंगलाराम बावरी, किशन देवासी और कई अन्य उत्साही युवा शामिल हुए।
आंकड़े बताते हैं कि पाली जिले में वर्षा की कमी चिंताजनक है, जो सामान्य से 24% कम दर्ज की गई है। स्थिति इतनी गंभीर है कि जवाई बांध में अब केवल डेढ़ महीने का पानी ही बचा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी राजस्थान में मानसून की विफलता कम दबाव क्षेत्र की अनुपस्थिति के कारण है। पिछले 15 दिनों में बाड़मेर और जैसलमेर क्षेत्रों में कोई महत्वपूर्ण निम्न दबाव प्रणाली नहीं बनी है, जिसके कारण मानसून को अरावली पहाड़ियों से आगे खींचने के लिए आवश्यक बल नहीं मिल रहा है।
इसके विपरीत, बंगाल की खाड़ी में मानसून की गतिविधि मजबूत बनी हुई है। वर्षा की कमी के कारण, जवाई बांध में जल स्तर केवल 14.95% रह गया है। यह गंभीर स्थिति को उजागर करता है और इस क्षेत्र में जीवनदायी वर्षा की तत्काल आवश्यकता पर प्रकाश डालता है।