भारत 2070 तक “नेट जीरो” कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य निर्धारित करता है
नई दिल्ली: भारत ने एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए घोषणा की है कि वह 2070 तक देश को “नेट जीरो” कार्बन उत्सर्जन में सक्षम बनाएगा। इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में की गई।
“नेट जीरो” उत्सर्जन का अर्थ है कि भारत अपने द्वारा उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को या तो पूरी तरह से समाप्त कर देगा या पर्याप्त मात्रा में कार्बन सिंक बनाएगा। इसमें वनों की कटाई को कम करना, स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना और कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS) जैसी प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना शामिल है।
इस घोषणा का जलवायु परिवर्तन को कम करने के वैश्विक प्रयासों में एक प्रमुख योगदान माना जा रहा है। भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक देश है, और इसके उत्सर्जन को कम करना वैश्विक तापमान वृद्धि को नियंत्रण में रखने के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार ने इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कई कदमों की योजना बनाई है, जिसमें अक्षय ऊर्जा क्षमता में वृद्धि, ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देना और इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाना शामिल है। सरकार CCS प्रौद्योगिकियों और कार्बन बाजारों में भी निवेश करेगी।
इस पहल की जलवायु कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों द्वारा व्यापक रूप से सराहना की गई है, जो इसे भारत की जलवायु परिवर्तन से निपटने की गंभीर प्रतिबद्धता के संकेत के रूप में देखते हैं। हालाँकि, इस लक्ष्य को प्राप्त करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, जिसमें महत्वपूर्ण वित्तीय निवेश, प्रौद्योगिकीय बाधाओं और सामाजिक परिवर्तनों की आवश्यकता होगी।