जेल में बंदियों के लिए शिक्षा का द्वार खुला: डिग्री-डिप्लोमा से लेकर जीवनयापन के कौशल तक की ट्रेनिंग

अलवर सेंट्रल जेल में बंदियों को अब व्यापक शैक्षिक अवसर प्राप्त हो रहे हैं। वे डिग्री और डिप्लोमा के साथ-साथ हाउस वायरिंग, बागवानी, योग और खाना पकाने का प्रशिक्षण ले सकते हैं, ताकि रिहा होने के बाद वे आसानी से अपनी आजीविका चला सकें।

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के पाठ्यक्रम के आधार पर, बंदियों को स्नातक और स्नातकोत्तर उपाधियों, साथ ही प्रमाणपत्रों और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है। जेल अधीक्षक शिवेंद्र शर्मा के अनुसार, 2023 तक, 676 बंदियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिसमें 530 ने प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रम पूरे किए हैं, जबकि 120 ने स्नातक और 16 ने स्नातकोत्तर डिग्री पाठ्यक्रमों में नामांकन कराया है।

IGNOU के माध्यम से विभिन्न प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों, डिप्लोमा और स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में 379 बंदियों को प्रमाणपत्र और प्रमाणपत्र प्राप्त हुए हैं। जून 2024 सत्र में, 7 से 12 जुलाई तक 28 बंदियों की विभिन्न पाठ्यक्रमों और स्नातक उपाधि कार्यक्रमों की परीक्षा आयोजित की गई।

जून 2024 सत्र के लिए, स्नातकोत्तर उपाधि (M.A.) में 3, स्नातक उपाधि कार्यक्रम (B.A.) में 17 और प्रमाणपत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 90 बंदियों को प्रवेश देने के लिए प्रवेश परीक्षा आवेदन भेजे गए हैं। पांच बंदियों को अगले वर्ष की परीक्षा में शामिल होने के लिए पुनः नामांकन फॉर्म भेजे गए हैं।

IGNOU विशेष अध्ययन केंद्र द्वारा बंदियों को मास्टर ऑफ आर्ट (M.A.), बैचलर डिग्री प्रोग्राम (BAG) और CHR-CDM-CTS-CAFE-DAFE-CFN-DUL-CIG-CNCC आदि पाठ्यक्रम कराए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त, बंदियों को व्यावसायिक शिक्षा भी प्रदान की जाती है, जिसमें 122 बंदियों को एक वर्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत कारपेंटर ट्रेड में प्रशिक्षित किया गया है।

कौशल और आजीविका विकास कार्यक्रम के तहत, 310 बंदियों को इलेक्ट्रॉनिक्स, हाउस वायरिंग, बागवानी, योग और खाना पकाने में प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से रिहाई के बाद आजीविका कमाने के लिए सक्षम बनाया गया है।

कारागृह अधीक्षक शिवेंद्र शर्मा द्वारा बंदियों को लगातार शिक्षा की ओर प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस पहल में पुस्तकालय प्रभारी रविंद्र उपाध्याय और मुख्य प्रहरीक नरेंद्र कुमार बैरवा का पूर्ण सहयोग रहा है।

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