पुलिस से बागवानी तक की प्रेरक यात्रा
एक युवा व्यक्ति, जो मूलतः पुलिसकर्मी बनना चाहता था, ने तीन बार प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता का सामना करने के बाद अपनी राह बदल ली। उन्होंने अपनी माँ से सीखे बागवानी के गुरों का उपयोग करके अपनी आजीविका बनाने का फैसला किया।
बागवानी में सफलता
शुरुआती कठिनाइयों के बावजूद, युवक बागवानी में सफल हुए। उन्होंने मौसमी, संतरा और अमरूद बगीचे लगाए और एक बीघा में नर्सरी स्थापित की। अब, वह अपनी नर्सरी में गांव की सात महिलाओं को रोजगार प्रदान करते हैं।
वार्षिक आय में लाखों रुपये कमाकर, युवक ने अपनी खेती को एक आकर्षक व्यवसाय में बदल दिया है। इस सफलता के लिए उन्होंने मिट्टी-पानी का परीक्षण किया और उपयुक्त किस्मों का चयन किया।
देश भर में किसानों को मदद
युवक का लक्ष्य 2026 तक देश भर के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले फलों के पौधे उपलब्ध कराना है। उन्होंने इंडियन काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) के साथ सहयोग किया है और प्लांट मैटीरियल जुटाया है।
इनोवेटिव वैरायटी
युवक विभिन्न फलों की नई किस्मों को विकसित करने में भी लगे हुए हैं, जैसे कि नींबू की सात किस्में और अंगूर की ‘मांजरी’ किस्म। वह ड्रैगन फ्रूट के उत्पादन को राजस्थान में बड़े पैमाने पर बढ़ाने का भी प्रयास कर रहे हैं।
किसानों के लिए सलाह
युवक का मानना है कि किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी को एक पूरक आय स्रोत के रूप में अपनाना चाहिए। उनका सुझाव है कि किसान मौसमी, अमरूद, ड्रैगन फ्रूट और अंगूर जैसे फलों की खेती शुरू करके शुरुआत कर सकते हैं।