ठेका कर्मियों का भीख मांग आंदोलन: ठेका प्रथा खत्म और सालाना 15% वेतन वृद्धि की मांग

सरकारी ठेका कर्मचारियों का अनूठा विरोध प्रदर्शन

संविदा/प्लेसमेंट कार्मिकों के संघर्ष समिति और कॉन्ट्रैक्चुअल कंप्यूटर एम्प्लोई राज ने शहीद स्मारक, कंपनी बाग रोड पर राजस्थान सरकार के ख़िलाफ़ एक अजीबोगरीब विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध में विभिन्न सरकारी विभागों में कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने भीख मांगी।

प्रदेश अध्यक्ष अनिशराज प्रजापति ने बताया कि सरकार ने पिछले कई वर्षों से ठेका कर्मचारियों की मांगों को अनसुना किया है। इसलिए, उन्होंने नई सरकार के आने के साथ ही आंदोलन शुरू कर दिया है। विरोध प्रदर्शन इसी आंदोलन का एक हिस्सा है।

विभिन्न विभागों के ठेका कर्मचारियों ने शहीद स्मारक के सामने विरोध किया और आम लोगों से भीख मांगकर सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचा। कर्मचारियों का कहना है कि उनके वेतन कम हैं और उनसे अधिक काम कराया जाता है।

प्रदेश सचिव यश जोशी ने बताया कि प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया। कर्मचारी महासंघ के संरक्षक खेमचंद सोमवंशी ने कहा कि भीख मांगने का कारण यह है कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी खजाना खाली हो गया है और इसलिए उन्होंने राजस्व जुटाने के लिए भीख मांगी है ताकि सरकार कुछ कदम उठाए।

कर्मचारी RLSDC बोर्ड के गठन और ठेका प्रथा को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन में अखिल शर्मा, कृष्ण कुमार, हुकुम शर्मा, देवेंद्र शर्मा, मुरारी सिंह, आलोक शर्मा, मनोज सैन, सुनील कुमार, कुलदीप सिंह, दिनेश कुमार, समय सिंह, उमंग, कुलदीप, गुड्डू, अनिल, किशन, महेंद्र, पुनित, तेजकुमार, भुवन, जतिन, राज कुमार और पवन कुमार सहित कई अन्य कर्मचारी मौजूद थे।

इस विरोध प्रदर्शन में सचिवालय, आबकारी विभाग, नगर निगम, यूआईटी, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, जलदाय विभाग, बिजली विभाग, सूचना और जनसंपर्क विभाग, पीडब्ल्यूडी, पंचायती राज संस्था, वन और पर्यावरण विभाग, ट्रेजरी, कृषि विभाग और जिला परिषद सहित विभिन्न विभागों के ठेका कर्मचारी शामिल थे।

संविदा/प्लेसमेंट कार्मिकों की मुख्य मांगें:

* राजस्थान लाजिस्टिकल सर्विस डिलीवरी कॉरपोरेशन (RLSDC) बोर्ड का गठन
* हर साल 15% वेतन वृद्धि
* ठेका प्रथा को पूरी तरह से समाप्त करना
* पहले से कार्यरत कर्मचारियों को प्राथमिकता देना
* बिना वेतन कटौती के हर महीने 4 छुट्टियां (CL/PL) देना

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