इलेक्ट्रिक बसें भारत के परिवहन परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के बीच, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक बसों को शुरू करने की घोषणा की है जो पब्लिक ट्रांसपोर्ट में क्रांति लाएंगी।
विशाल 132 सीटर बसें
ये अत्याधुनिक 132 सीटर बसें टाटा मोटर्स और यूरोपीय कंपनी स्कोडा के सहयोग से बनाई जाएंगी। एक बार चार्ज करने पर ये बसें लगभग 40 किमी तक चल सकती हैं।
डीजल की तुलना में कम लागत
इलेक्ट्रिक बसें डीजल बसों की तुलना में काफी सस्ती हैं। जबकि डीजल बसों का संचालन लागत प्रति किमी 115 रुपये है, इलेक्ट्रिक बसों की लागत मात्र 35 रुपये प्रति किमी है।
आरामदायक और हाई-टेक सुविधाएँ
यात्रियों की सुविधा के लिए, ये बसें विशाल और आरामदायक सीटों, वातानुकूलन, लैपटॉप के लिए स्पेस और बस होस्टेस से सुसज्जित होंगी जो भोजन और पेय पदार्थ परोसेंगी।
फ्लाइट्स को रिप्लेस करने के लिए हाई-स्पीड हाईवे
गडकरी ने घोषणा की कि देश भर में हाई-स्पीड हाईवे बनाए जा रहे हैं, जिससे दिल्ली से जयपुर और देहरादून जैसी दूरी अब केवल 2 घंटे में तय की जा सकेगी। यह हाईवे फ्लाइट्स की आवश्यकता को कम करेंगे।
2025 तक फ्लाइट का अंत
गडकरी का अनुमान है कि 2025 जनवरी तक, दिल्ली से जयपुर, चंडीगढ़ और देहरादून के लिए कोई भी फ्लाइट नहीं चलेगी। इसके बजाय, ये इलेक्ट्रिक बसें तेज, कुशल और लागत प्रभावी परिवहन का विकल्प प्रदान करेंगी।
पर्यावरण के अनुकूल परिवहन
इलेक्ट्रिक बसें डीजल बसों की तुलना में पर्यावरण के अनुकूल हैं। ये शोर और वायु प्रदूषण को कम करती हैं, जो भारत के शहरों के लिए एक बड़ी चिंता है।
सारांश
इलेक्ट्रिक बसों की शुरूआत भारत के पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में एक क्रांति लाने के लिए तैयार है। ये बसें यात्रियों के लिए आरामदायक, सुविधाजनक और किफायती परिवहन प्रदान करेंगी, साथ ही पर्यावरण संरक्षण में भी मदद करेंगी।