उत्तराखंड: हेमकुंट साहिब यात्रा की तैयारियां शुरू, सेना ने संभाला मोर्चा
गोविंदघाट, [दिनांक]। सिखों के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्री हेमकुंट साहिब की यात्रा की तैयारियां शुरू हो गई हैं। भारतीय सेना की एक टीम गुरुद्वारा गोविंदघाट पहुंच गई है, जो रास्ते से बर्फ हटाने और मार्ग को सुगम बनाने का कार्य करेगी। सेना की यह टीम 19 अप्रैल से अपना सेवा कार्य प्रारंभ करेगी।
लगभग 15 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंट साहिब के कपाट आगामी 25 मई को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इससे पूर्व, सेना की एक अग्रिम टीम ने क्षेत्र का सर्वेक्षण किया था ताकि बर्फ हटाने और रास्ता बनाने का कार्य सुरक्षित और प्रभावी ढंग से किया जा सके।
सेना द्वारा की गई रेकी के अनुसार, अटलाकोटी ग्लेशियर पूरी तरह बर्फ से ढका हुआ है, जहां लगभग 30 फीट बर्फ जमी हुई है। छोटे अटलाकोटी ग्लेशियर पर 10 फीट और हेमकुंट साहिब के आसपास 8 से 10 फीट बर्फ की परत मौजूद है। गोविंद धाम से हेमकुंट साहिब तक 6 किलोमीटर लंबे मार्ग पर भी 2 से 7 फीट तक बर्फ जमी हुई है।
हेमकुंट साहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रा की औपचारिक शुरुआत 22 मई को गुरुद्वारा श्री ऋषिकेश से पंच प्यारों की अगुआई में होगी। रास्ते की बर्फ हटाने और अन्य आवश्यक तैयारियों में तीन सप्ताह से एक महीने का समय लगने की संभावना है, इसलिए सेना के 25 जवानों की टीम ने एक महीना पहले ही काम शुरू कर दिया है।
यह दल आज गोविंद घाट पहुंचा और कल 13 किमी दूर गोविंद धाम पहुंचेगा, जहां एक दिन रुककर मौसम और वातावरण के अनुकूल ढलाव लेंगे। 19 अप्रैल से वे हेमकुंट साहिब के लिए प्रस्थान करेंगे। सर्वप्रथम रास्ते से बर्फ हटाकर मार्ग को तैयार किया जाएगा, जिसके बाद गुरुद्वारे के आसपास की बर्फ हटाने का कार्य किया जाएगा।
श्री बिंद्रा ने यह भी बताया कि गुरुद्वारा गोविंद घाट के पास नदी पर बना पुल भूस्खलन के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, जिसे पुन: निर्मित किया जा रहा है। यह कार्य भी तेजी से चल रहा है और कुछ ही दिनों में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। यह नया पुल 30 टन क्षमता का होगा।
उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उनकी सक्रियता से यह कार्य तेजी से हो रहा है और सरकार की ओर से यात्रा के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन भी मिला है।
(तस्वीर: श्री हेमकुंट साहिब)