डोटासरा: डर कैसा, सरकार विधानसभा चुनाव भी खिसका देगी?

जयपुर: निष्क्रिय कांग्रेस नेताओं पर बरसे डोटासरा, संविधान बचाने के लिए मैदान में उतरने का आह्वान

जयपुर, [दिनांक] – प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आज पार्टी के निष्क्रिय नेताओं पर जमकर निशाना साधा। अंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित एक गोष्ठी में बोलते हुए डोटासरा ने कहा कि जो नेता काम नहीं कर रहे हैं और भाजपा सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठा रहे हैं, उन्हें कांग्रेस कहलाने का कोई अधिकार नहीं है।

डोटासरा ने कहा, “रस्म अदायगी से काम नहीं चलेगा। अगर हमें राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है तो सबको कंधा मिलाकर काम करना होगा।” उन्होंने उन नेताओं पर भी कटाक्ष किया जो केवल गाड़ी पर नेम प्लेट लगाकर और बैठकों में आधा घंटा बिताकर खुद को नेता समझते हैं।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए डोटासरा ने कहा कि आने वाले दिनों में उन्हें खुद को मैदान में झोंकना होगा। उन्होंने कहा कि जो संविधान बचाने के अभियान में काम करेगा, वही असली नेता होगा। डोटासरा ने सरकार की गलत नीतियों का समय रहते विरोध करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने मंडल से लेकर हर स्तर की बैठकें आयोजित करने का आह्वान किया और चेतावनी दी कि जो पदाधिकारी तीन महीने तक बैठकों में भाग नहीं लेंगे, उन्हें हटा दिया जाएगा और उनकी जगह नए पदाधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा।

डोटासरा ने पूर्व मुख्यमंत्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पानी की समस्या पर केवल एक एक्सईएन को एपीओ करके इतिश्री कर ली गई, जबकि जनता त्रस्त है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को जनता की आवाज बनना होगा।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अगर किसी कांग्रेस कार्यकर्ता को राजनीतिक दुर्भावना से परेशान किया गया तो वे और जूली साहब उस कार्यकर्ता के साथ खड़े रहेंगे और ईंट से ईंट बजा देंगे। उन्होंने कोटा में प्रदर्शन के दौरान उन पर दर्ज किए गए मामले का जिक्र करते हुए कहा कि वे खुद सीआईडी सीबी के दफ्तर गए थे, ताकि कार्यकर्ताओं को यह संदेश जाए कि पार्टी उनके साथ खड़ी है।

डोटासरा ने भाजपा आलाकमान से यह भी कहा कि उन्होंने पर्ची से मुख्यमंत्री तो बना दिए हैं, लेकिन एक मुख्यमंत्री काम करने के लिए भी नियुक्त करें, क्योंकि मौजूदा मुख्यमंत्री से काम नहीं हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के हारे हुए लोग सीएमओ में बैठकर परिसीमन के नाम पर संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

डोटासरा ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के अधिकार ऊपर वालों ने सीज कर रखे हैं और मंत्रियों के अधिकार राज्यपाल ने। उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री किस बात की समीक्षा कर रहे हैं और एक बार उन्हें इस बात की भी समीक्षा करनी चाहिए कि पर्ची सही थी या गलत, ताकि राजस्थान का भला हो सके।

उन्होंने वन स्टेट वन इलेक्शन को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और कहा कि बिना कानून में बदलाव किए प्रशासक नियुक्त किए जा रहे हैं, जो संविधान का उल्लंघन है। उन्होंने आगाह किया कि अगर समय रहते विरोध नहीं किया गया तो विधानसभा का कार्यकाल भी दो साल बढ़ा दिया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *