पूर्वी राजस्थान को शीघ्र मिलेगा पानी, रामगढ़-महलपुर बैराज हेतु भूमि अधिग्रहण अंतिम चरण में।

पूर्वी राजस्थान में पेयजल संकट होगा दूर, पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना पर तेजी से काम

जयपुर, [आज की तारीख] – राजस्थान सरकार पूर्वी राजस्थान में व्याप्त पेयजल की समस्या को हल करने के लिए तेजी से काम कर रही है। संशोधित पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना का कार्य प्रगति पर है और सरकार का लक्ष्य 2028 से पहले इसे पूरा करना है।

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि परियोजना के पहले चरण में दो बैराजों का निर्माण किया जाएगा। किशनगंज तहसील में कूल नदी पर रामगढ़ बैराज और पार्वती नदी पर मांगरोल और किशनगंज तहसील में ही महलपुर बैराज बनाए जाएंगे।

इन बैराजों के निर्माण के लिए 8 गांवों की लगभग 168 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। मंत्री रावत ने आश्वासन दिया कि प्रभावित लोगों को जल्द ही उचित मुआवजा दिया जाएगा। वन भूमि के बदले में 1700 हेक्टेयर गैर वन भूमि आरक्षित की गई है।

डूब क्षेत्र में आने वाले गांवों के पुनर्वास के लिए बारां तहसील के कोयला गांव में 34 हेक्टेयर भूमि चिह्नित की गई है। रामगढ़ बैराज से 138 एमसीएफटी पानी पीने के लिए उपलब्ध होगा। महलपुर बैराज से 266 एमसीएफटी पेयजल और 353 एमसीएफटी पानी उद्योगों एवं स्थानीय आवश्यकताओं के लिए आरक्षित किया गया है। सरकार का दावा है कि इस परियोजना से पूर्वी राजस्थान के लोगों को पेयजल की समस्या से निजात मिलेगी।

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