पशु मेले से निकले बैल गौशाला पहुंचे, तस्करी की आशंका।

बांसवाड़ा में गोवंश परिवहन पर विवाद, गौ रक्षकों ने जताया विरोध, मध्य प्रदेश सीमा पर रोके गए ट्रक

बांसवाड़ा, [तारीख] । जिले में रविवार रात गोवंश की तस्करी की आशंका के चलते गौ रक्षकों ने कई स्थानों पर बैलों से भरे ट्रकों को रोकने का प्रयास किया। गौ रक्षकों ने ट्रकों के गुजरने के दौरान विरोध प्रदर्शन भी किया।

सूत्रों के अनुसार, ट्रकों के मार्ग पर स्थित संबंधित थाना पुलिस ने उन्हें एस्कॉर्ट किया और गौ रक्षकों की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सभी वाहनों को मध्य प्रदेश सीमा तक पहुंचाया।

डीएसपी गोपीचंद मीणा ने बताया कि ये बैल नागौर में बलदेव पशु मेले से मध्य प्रदेश के एक अन्य पशु मेले में ले जाए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि बैलों के परिवहन के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश थे ताकि मार्ग में कोई अप्रिय घटना न हो।

हालांकि, डीएसपी मीणा ने बताया कि मध्य प्रदेश सीमा पर पहुंचने पर, वहां के एसडीएम और पुलिस अधिकारियों ने ट्रकों को राज्य में प्रवेश करने से रोक दिया। मध्य प्रदेश अधिकारियों का कहना था कि राज्य सरकार के ऐसे कोई आदेश नहीं हैं जो इस परिवहन को अनुमति दें।

परिणामस्वरूप, बांसवाड़ा पुलिस ने सभी बैलों को विभिन्न गौशालाओं में स्थानांतरित कर दिया है। अनुमान है कि बैलों की संख्या 500 से 600 के बीच है। तलवाड़ा गौशाला में 8 ट्रकों में लगभग 80 बैलों को पहुंचाया गया है।

गोवर्धन गौशाला के अध्यक्ष जयंत द्विवेदी ने इस मामले पर संदेह जताया है। उन्होंने सवाल किया कि यदि परिवहन वैध था तो मध्य प्रदेश पुलिस ने ट्रकों को क्यों रोका और बांसवाड़ा पुलिस को बैलों को गौशालाओं में स्थानांतरित करने की आवश्यकता क्यों पड़ी। द्विवेदी ने बड़े पैमाने पर तस्करी की आशंका व्यक्त की है और मामले को आगे तक उठाने की बात कही है।

यह प्रकरण अब जांच का विषय बन गया है।

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