रेवाड़ी में 500 सालों से होलिका दहन नहीं, बाबा भगवानदास का नियम।

रेवाड़ी: टीकला गांव में 500 सालों से नहीं होता होलिका दहन, बाबा भगवानदास की आस्था का रंग

रेवाड़ी, [दिनांक]: हरियाणा के रेवाड़ी जिले के टीकला गांव में रंगों के त्योहार होली की अनूठी परंपरा आज भी कायम है। जहां पूरे देश में होलिका दहन की धूम रहती है, वहीं टीकला गांव में पिछले 500 सालों से होलिका दहन नहीं होता। इसके पीछे बाबा भगवानदास के प्रति ग्रामीणों की अटूट आस्था है।

मान्यता है कि बाबा भगवानदास ने गांव में तपस्या की थी और यहीं समाधि ली थी। उन्होंने अपनी तपस्या के दौरान ग्रामीणों को अनावश्यक खर्चों से बचाने के लिए होलिका दहन न करने का नियम बनाया था। बाबा का मानना था कि त्योहार सादगी से मनाना चाहिए। इसलिए उन्होंने ग्रामीणों को केवल धुलेंडी का त्योहार मनाने और घर पर ही खीर, हलवा और चूरमा बनाने की सलाह दी थी।

गांव के सरपंच प्रतिनिधि बिरेंद्र टोकस ने बताया कि बाबा भगवानदास फिजूलखर्ची के सख्त खिलाफ थे। यही कारण है कि गांव में केवल धुलेंडी का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गांव के लोग फाग खेलते हैं और खुशी मनाते हैं।

बाबा भगवानदास ने ग्रामीणों को व्यसनों से दूर रहने का भी आह्वान किया था। उन्होंने हुक्का-बीड़ी और शराब से दूर रहने की सलाह दी थी। बाबा के आदेश का पालन करते हुए गांव के अधिकांश लोग आज भी हुक्का-बीड़ी को हाथ नहीं लगाते और शराब से दूर रहते हैं। आसपास के कुछ गांवों में भी बाबा भगवानदास की मान्यता है। ग्रामीणों का कहना है कि बाबा का आदेश आज भी उनके लिए नियम की तरह है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *