भारत में होली का उल्लास: लठमार से फूलों की होली तक, विविध रंगों में रंगा देश
नई दिल्ली: रंगों का त्योहार होली पूरे भारतवर्ष में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। बरसाना की लठमार होली और वृंदावन की फूलों की होली देश ही नहीं, विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। लेकिन भारत के विभिन्न क्षेत्रों में होली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है और इसे मनाने की परंपराएं भी अनूठी हैं।
ब्रज क्षेत्र, विशेषकर बरसाना में ‘लठमार होली’ का आयोजन होता है, जहाँ महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं और पुरुष ढाल से अपना बचाव करते हैं। यह सदियों पुरानी परंपरा आज भी जीवंत है और पर्यटकों को खूब आकर्षित करती है। वृंदावन में ‘फूलों की होली’ में रंगों के बजाय फूलों का इस्तेमाल किया जाता है। भक्तगण एक दूसरे पर फूलों की पंखुड़ियां फेंकते हैं, जिससे वातावरण सुगंधित और मनमोहक हो जाता है।
विभिन्न राज्यों में होली के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं। कहीं यह वसंत ऋतु के आगमन का उत्सव है, तो कहीं यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक। स्थानीय मान्यताएं और परंपराएं हर क्षेत्र की होली को विशेष बनाती हैं। यह त्योहार भारत की सांस्कृतिक विविधता का अद्भुत उदाहरण है, जो रंगों और खुशियों के साथ पूरे देश को एक सूत्र में बांधता है।