समस तालाब के निकट कान्हा पहाड़ी पर खनन के खिलाफ प्रदर्शन तेज, पूर्व मंत्री गुढ़ा ने लगाए गंभीर आरोप
समस: समस तालाब के पास स्थित कान्हा पहाड़ी में खनन कार्य और ब्लास्टिंग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। इलाके के सैकड़ों लोग धरने पर बैठे हैं। पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने प्रशासन और सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस खनन को तत्काल बंद किया जाना चाहिए, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों की जान को खतरा है।
धरने पर बैठे स्थानीय लोगों का कहना है कि हर दिन होने वाली ब्लास्टिंग से भूकंप जैसा एहसास होता है। कंपन के कारण घरों की दीवारों में दरारें आ गई हैं और वे दहशत में जी रहे हैं। ब्लास्टिंग का असर लगभग एक किलोमीटर के दायरे में महसूस किया जाता है।
पूर्व मंत्री गुढ़ा ने हाल ही में हुई एक दर्दनाक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि चार दिन पहले सिकंदर नाम के एक युवक की पत्थर लगने से मौत हो गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन ने परिजनों पर दबाव डालकर अंतिम संस्कार करवा दिया और किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। गुढ़ा ने यह भी कहा कि पहाड़ी में बने पानी से भरे गड्ढों में पहले भी आठ बच्चों की मौत हो चुकी है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इलाके के हजारों घरों में दरारें आ गई हैं, जिससे मकान गिरने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। गुढ़ा ने सरकार और प्रशासन पर खनन माफिया से मिलीभगत का आरोप लगाया है।
प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने पूरे इलाके को छावनी में तब्दील कर दिया है और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। धरने के दौरान टेंट लगाने को लेकर प्रशासन और गुढ़ा के बीच बहस भी हुई। गुढ़ा ने खुद अपने हाथों से टेंट लगाया और कहा कि यह धरना तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार खनन बंद करने का आदेश नहीं देती।
गुढ़ा ने अनिश्चितकालीन धरने का ऐलान कर दिया है और ग्रामीणों ने सरकार से खनन को पूरी तरह बंद करने, पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने और दोषियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। प्रदर्शनकारी खनन बंद होने तक धरना स्थल से हटने को तैयार नहीं हैं।