हरिगढ़-पनवाड़ में अभयारण्य निर्माण की मांग उठी।

झालावाड़: विधायक सुरेश गुर्जर ने विधानसभा में उठाई क्षेत्र की समस्याएं, रिजर्व अभयारण्य बनाने की मांग

जयपुर, [दिनांक] | झालावाड़ जिले के खानपुर से विधायक सुरेश गुर्जर ने आज विधानसभा में वन एवं पर्यावरण और उद्योग की मांगों पर चर्चा के दौरान अपने क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण समस्याओं को उठाया। उन्होंने झालावाड़ की प्राकृतिक समृद्धि का जिक्र करते हुए हरीगढ़ और पनवाड़ क्षेत्र में काले हिरण और चिंकारा के संरक्षण के लिए रिजर्व अभयारण्य बनाने की मांग की।

गुर्जर ने बताया कि झालावाड़ जिले में 19 प्रतिशत क्षेत्र हरियाली से भरा है और यहां नदियां, तालाब तथा वन्य जीवन की विविधता मौजूद है। उन्होंने बड़बेला तालाब में आने वाले विदेशी प्रवासी पक्षियों और विश्व प्रसिद्ध गागरोनी तोते का भी उल्लेख किया, जो मानव की तरह बोल सकता है। उन्होंने चलेट के जंगलों में हिरण, सांभर और नीलगाय की उपस्थिति तथा बाघेर के जंगलों में तेंदुए की मौजूदगी का जिक्र किया।

विधायक ने हरीगढ़ और पनवाड़ के 3000 हेक्टेयर क्षेत्र में काले हिरण तथा चिंकारा की गणना कराकर, इनके संरक्षण के लिए रिजर्व अभयारण्य की घोषणा करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने बाघेर, उम्मेदपुरा, हीचड़, बोरदा, हरीगढ़, अंटा, बोरखेड़ी, नयागांव बंजारान, नया गांव ठाकरान, बांस घटी, दयाभाउ, कुआभाउ, पनवासा, ठूंगनी, डडवाड़ा, जैतपुरा, इकवासा, हरिपुरा, नोलाव, लक्ष्मीपुरा, गागरोन, मंडावर, कोलाना, देवड़ी सहित वन क्षेत्र में पीढ़ियों से रह रहे आदिवासी समुदाय को वन अधिकार के तहत पट्टे दिए जाने की भी मांग की।

गुर्जर ने वन विभाग की लंबित स्वीकृतियों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि वन और विकास एक-दूसरे के पूरक हैं। खानपुर विधानसभा क्षेत्र में गागरोन से नोलाव, नोलाव से लक्ष्मीपुरा और महुआखेड़ा से कल्ला जी महाराज तक की सड़कें तथा लक्ष्मीपुरा में पेयजल की टंकी का निर्माण वन विभाग की स्वीकृति के अभाव में रुके हुए हैं। उन्होंने इन परियोजनाओं की स्वीकृति शीघ्र जारी करने की मांग की।

विधायक ने परवन वृहत सिंचाई परियोजना में वन विभाग की डूब में आई जमीनों के बदले राजस्व की जमीनें दिए जाने के बाद भी काश्तकारों को बेदखल करने का मुद्दा उठाया और सरकार से फसल कटने तक उन्हें न बेदखल करने का आग्रह किया।

एग्रो फॉरेस्ट्री के छात्रों को रोजगार सुलभ कराने के लिए गुर्जर ने झालरापाटन में संचालित वानिकी महाविद्यालय के छात्रों को वन अधिकारी और सहायक वन संरक्षक जैसे पदों पर वरीयता देने की मांग की।

उद्योग की मांगों पर बोलते हुए विधायक सुरेश गुर्जर ने झालावाड़ जिले में खनन आधारित उद्योगों की प्रचुर संभावनाओं का जिक्र किया और खनन क्षेत्र आरोलिया, रूणजी, पिपलिया, नेहरावत, रूपपुरा, भिरीयाखेड़ी आदि क्षेत्र में रीको द्वारा स्टोन आधारित औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की मांग की। उन्होंने कोटा स्टोन उद्योग को सरकार के संरक्षण की आवश्यकता बताते हुए पर्यावरणीय स्वीकृति लेने में आ रही परेशानियों को दूर करने का आग्रह किया।

विधायक ने पनवाड़ में चावल उद्योग के लिए रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने, बंद पड़े धागा उद्योग को पुनर्संचालित कराने, झालावाड़ जिले में संतरा आधारित उत्पादों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का औद्योगिक पार्क स्थापित करने और थर्मल के नजदीकी क्षेत्रों में कोटा स्टोन स्लरी के उपयोग के लिए औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाने की भी मांग रखी।

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