महिला समिति ने महिला आरक्षण व समान वेतन की मांग पर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया।

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति का अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदर्शन, नौ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा

[शहर का नाम], [दिनांक] अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) के सदस्यों ने शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने विधानसभा में महिला आरक्षण लागू करने, महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने सहित नौ सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा।

समिति के पदाधिकारियों ने इस अवसर पर कहा कि वर्तमान में तीन साल की बच्ची से लेकर 80 साल की वृद्धा तक सुरक्षित नहीं हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के दावों के बावजूद भी देश की आधी आबादी के साथ न्याय नहीं हो रहा है। संसद में महिला आरक्षण का प्रस्ताव पारित होने के बाद भी सरकार इसे लागू करने में आनाकानी कर रही है।

प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, दहेज हत्या जैसे मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त की और इस पर रोक लगाने के लिए प्रभावशाली कदम उठाने की मांग की। उन्होंने विधानसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण, कार्यस्थल पर मूलभूत महिला सुविधाएं, शिक्षण संस्थानों, रेल, बस और टैम्पो इत्यादि में छेड़छाड़ और यौन हिंसा से सुरक्षा के लिए पर्याप्त सुविधा मुहैया कराने की भी मांग की।

अन्य मांगों में समान काम के लिए समान वेतन कानून को सख्ती से लागू करना, योजना पर आधारित योजनाकर्मियों (जैसे मिड-डे-मील, आशा कार्यकर्ता, साथिन, आशा सहयोगनी) और ठेका प्रथा पर आधारित कर्मियों को स्थाई करना और तब तक उनके वेतन मानदेय में बढ़ोतरी करना शामिल है।

प्रदर्शनकारियों ने मनरेगा में 80 प्रतिशत महिलाओं के काम के 100 दिन पूरे करने तथा तमाम सुविधाओं सहित उनका बजट बढ़ाने की मांग की। उन्होंने लगातार बढ़ रही महंगाई पर रोक लगाने और विधवा, बुढ़ापा तथा विकलांग पेंशन में बढ़ोतरी कर तमाम जरूरतमंद महिलाओं को पेंशन का भुगतान करने की भी मांग की।

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