मणिपुर में मुफ्त यातायात शुरू होते ही भड़की हिंसा, सैंकड़ों घायल
इंफाल: मणिपुर में कुकी और मैतेई बहुल इलाकों में लगभग दो साल बाद मुफ्त यातायात (फ्री ट्रैफिक मूवमेंट) शुरू होने के साथ ही हिंसा भड़क उठी। शनिवार को इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर जैसे ही बसें चलने लगीं, कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर पत्थर बिछाकर आवाजाही बाधित करने का प्रयास किया और बसों तथा कारों में आग लगा दी। हिंसा कर रहे लोगों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले दागे। सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में सैकड़ों लोग घायल हो गए।
इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति इलाकों में जा रही सरकारी बसों को सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस की सुरक्षा में चलाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, रेड जोन वाले क्षेत्रों में जगह-जगह सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।
अमित शाह ने किया था मुफ्त आवागमन का ऐलान
गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में एक समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर बेरोकटोक आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे, साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की बात कही थी।
मुख्य सचिव ने सामान्य स्थिति बहाली का जताया भरोसा
मणिपुर के मुख्य सचिव पी.के. सिंह ने कहा कि राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। राजधानी इंफाल से चुराचांदपुर के बीच हेलिकॉप्टर सेवाएं 12 मार्च से शुरू होंगी। उन्होंने सार्वजनिक आवागमन में बाधा डालने के किसी भी प्रयास पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
राष्ट्रपति शासन लागू
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के 9 फरवरी को इस्तीफा देने के बाद मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने उपद्रवियों से लूटे गए सभी हथियार सरेंडर करने को कहा था, जिसके बाद अब तक 500 से अधिक हथियार सरेंडर किए जा चुके हैं।