हार के बाद भी हिम्मत से प्रधान बने, लोगों की सेवा।

रोहट प्रधान सुनीता राजपुरोहित: घर की दहलीज से पंचायत समिति तक का सफर

पाली, [दिनांक] (समाचार एजेंसी)। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर, हम आपको रोहट पंचायत समिति की प्रधान सुनीता राजपुरोहित की प्रेरणादायक कहानी से परिचित करा रहे हैं, जिन्होंने सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए राजनीति में सफलता हासिल की।

सुनीता राजपुरोहित, मूल रूप से किशनगढ़ (अजमेर) की रहने वाली हैं। उनके पिता रामेश्वरसिंह, सेवानिवृत्त आरआई हैं और माता गोपाल कंवर गृहिणी हैं। 12वीं तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद, वर्ष 2001 में उनका विवाह पाली जिले के सुकरलाई गांव निवासी महावीरसिंह राजपुरोहित से हुआ।

उनके पति महावीरसिंह शुरू से ही सामाजिक कार्यों और राजनीति में सक्रिय थे। सुनीता बताती हैं कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वे भी राजनीति में कदम रखेंगी। शादी के बाद, पति के प्रोत्साहन से उन्होंने बीए की डिग्री हासिल की और शिक्षिका बनने का सपना देखा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।

वर्ष 2010 में सरपंच पद के चुनाव में, ग्रामीणों के आग्रह पर उन्होंने चुनाव लड़ा, हालांकि वे कुछ मतों से हार गईं। इस हार ने उन्हें राजनीति में कुछ कर दिखाने की प्रेरणा दी। इसके बाद, वे पति के साथ कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने लगीं और लोगों की समस्याओं के लिए आवाज उठाने लगीं।

वर्ष 2015 में, उन्होंने पंचायत समिति का चुनाव भारी मतों से जीता। दिसंबर 2020 में, वे रोहट प्रधान बनीं और वर्तमान में वे रोहट क्षेत्र के 84 गांवों और 60 ढाणियों के ग्रामीणों की सेवा में समर्पित हैं। वे अपनी सास-ससुर गीतादेवी और लालसिंह राजपुरोहित के सहयोग को भी महत्वपूर्ण मानती हैं।

सुनीता बताती हैं कि वे सुबह 5 बजे उठकर परिवार और पंचायत समिति के कार्यों को संतुलित करती हैं। वे बताती हैं कि उन्होंने क्षेत्र के लगभग सभी गांवों का दौरा किया है।

सुनीता राजपुरोहित द्वारा करवाए गए प्रमुख कार्य:

* गांवों में बस स्टैंड (यात्री प्रतीक्षालय) का निर्माण।
* स्कूलों में विद्यार्थियों के बैठने के लिए टीन शेड का निर्माण।
* गांवों में स्वच्छता के लिए सीवरेज कार्य, सीसी सड़कों और इंटरलॉकिंग ब्लॉक का निर्माण।
* पौधरोपण कार्यक्रम, स्कूलों में खेल मैदान और कक्षा कक्षों का निर्माण।
* समिति मुख्यालय पर मीटिंग हॉल और अम्बेडकर भवन जैसे महत्वपूर्ण कार्य।
* कोरोना महामारी में सक्रिय रूप से कार्य और मनरेगा श्रमिकों को मास्क का वितरण।
* लम्पी रोग के दौरान गौशालाओं में दवाइयों का वितरण।
* रोहट में आयोजित स्काउट गाइड की राष्ट्रीय जम्बूरी के आयोजन में सक्रिय भूमिका।

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