मार्च की पहली प्रदोष तिथि विशेष, जानिए कब है और क्या है महत्व
नई दिल्ली | मार्च महीने की पहली प्रदोष तिथि इस वर्ष की अंतिम प्रदोष तिथि होने के कारण विशेष महत्व रखती है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, यह तिथि भगवान शिव को समर्पित है और इस दिन उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है।
विद्वानों के अनुसार, इस वर्ष मार्च की पहली प्रदोष तिथि [तिथि और समय यहाँ दर्ज करें]। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करने और प्रदोष व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है। श्रद्धालु इस दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष काल में भगवान शिव कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं, इसलिए इस समय की गई पूजा विशेष फलदायी होती है। भक्त इस दिन उपवास रखकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।