सरिस्का में गिद्धों की कई दुर्लभ प्रजातियाँ मिलीं।

सरिस्का टाइगर रिजर्व में पांच दिवसीय रैप्टर सर्वेक्षण सम्पन्न

अलवर, राजस्थान: राजस्थान वन विभाग ने विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के सहयोग से सरिस्का टाइगर रिजर्व में पांच दिवसीय रैप्टर (शिकारी पक्षी) सर्वेक्षण सफलतापूर्वक सम्पन्न किया। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य सरिस्का, टहला, अकबरपुर, तालवृक्ष और बफर जोन सहित रिजर्व की विभिन्न रेंज में रैप्टर की विविधता और आवास का आंकलन करना था।

डीएफओ अभिमन्यू साहरण ने जानकारी देते हुए बताया कि सर्वेक्षण के दौरान रेड हैडेड वल्चर, इंडियन वल्चर और इजिप्टीयन वल्चर जैसे विश्व स्तर पर खतरे में पड़े गिद्धों को विशेष रूप से देखा गया। इसके अतिरिक्त, शॉर्ट टोड स्नेक ईगल जैसी प्रमुख ईगल प्रजातियां भी दर्ज की गईं।

देखे गए अन्य रैप्टर्स में रॉक ईगल आउल, इंडियन स्कोप्स आउल, यूरेशियन केस्ट्रेल, व्हाइट. आइड बज़र्ड, यूरेशियन स्पैरोहॉक और वेस्टर्न मार्श हैरियर शामिल थे।

उप वन संरक्षक, बाघ परियोजना, सरिस्का ने बताया कि यह सर्वेक्षण विविध रैप्टर प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण आवास के रूप में सरिस्का टाइगर रिजर्व के पारिस्थितिक महत्व को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ये निष्कर्ष सरिस्का टाइगर रिजर्व में लक्षित संरक्षण रणनीतियों को विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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