चौरासी विधानसभा चुनाव प्रचार के अंतिम क्षण
चौरासी विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है, जिसमें अब मतदान के लिए मात्र 24 घंटे ही शेष हैं।
भाजपा का आक्रामक प्रचार
भाजपा इस चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल राठौड़ और टीएडी मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित कई बड़े नेताओं ने चुनाव प्रचार में अपनी ताकत झोंक दी है। पार्टी आदिवासी मतदाताओं को लुभाने के लिए भाजपा सरकार की योजनाओं को उजागर कर रही है।
बीएपी की मजबूत स्थिति
वर्तमान विधायक राजकुमार रोत बीएपी से चुनाव लड़ रहे हैं। बीएपी इस सीट पर तीसरी बार जीत दर्ज करने की कोशिश कर रही है और आदिवासी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। रोत के लोकप्रिय नेता होने और स्थानीय पार्टी के रूप में बीएपी की मजबूत उपस्थिति के कारण उनका प्रचार बलवान है।
कांग्रेस का मंद प्रचार
इसके विपरीत, कांग्रेस का चुनाव प्रचार अपेक्षाकृत मंद रहा है। प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सहित प्रमुख नेताओं ने चौरासी में अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं कराई है। प्रचार की जिम्मेदारी स्थानीय नेताओं के कंधों पर है, जो पिछले दो चुनावों में लगातार हार का सामना कर रहे हैं।
आदिवासी वोटर्स पर ध्यान
चौरासी में आदिवासी वोटर्स निर्णायक भूमिका निभाते हैं। सभी तीन प्रमुख दल – भाजपा, बीएपी और कांग्रेस – इन मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और उनसे किए गए वादे प्रचार अभियान का एक प्रमुख हिस्सा रहे हैं।
प्रचार का शोर मंगलवार शाम 5 बजे थम जाएगा। इसके बाद, 13 नवंबर को मतदान तक उम्मीदवार और उनके समर्थक घर-घर जा सकते हैं और मतदाताओं को वोट करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।