एमू की मौत चिड़ियाघर में शिफ्टिंग के दौरान, गुपचुप दफनाया गया

रामनिवास बाग चिड़ियाघर से एमू शिफ्ट करते समय मादा एमू की मौत

शुक्रवार सुबह रामनिवास बाग चिड़ियाघर से एमू पक्षियों को नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में स्थानांतरित करने के दौरान एक मादा एमू की मौत हो गई।

जानकारी के अनुसार, यह मादा एमू स्वस्थ थी और शिफ्टिंग के लिए तैयार थी। हालांकि, जैसे ही टीम ने एमू को पकड़ने के लिए पिंजरे में प्रवेश किया, वह भागने लगी। बचने के प्रयास में, वह पिंजरे में एक गुमटी में घुस गई।

टीम ने एमू की आँखों को ढक दिया और उसे गुमटी से बाहर लाने का प्रयास किया। तभी, एमू ने अपनी लंबी गर्दन को अचानक से घुमाया, जिससे उसका सिर गुमटी की दीवार से टकरा गया और वह वहीं गिर पड़ी।

घटना से स्तब्ध टीम ने तुरंत एमू का पोस्टमार्टम किया और उसे चिड़ियाघर में ही दफना दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट अभी लंबित है।

चिड़ियाघर के एक कर्मचारी ने बताया कि एमू का उपयोग नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में प्रजनन कार्यक्रम के लिए किया जाना था। इस घटना से शिफ्टिंग प्रक्रिया में देरी हो सकती है।

जु चिकित्सक की राय

जु के पशु चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर ने मीडिया को बताया कि मृत एमू लगभग आठ वर्ष की थी और बीमार थी। उसके गर्भाशय में एक अंडा फंस गया था, जिससे संक्रमण हो गया और अंततः उसकी मृत्यु हो गई।

डॉ. तंवर ने बताया कि एमू के अंडे बड़े और भारी होते हैं, जिससे कभी-कभी वे ठीक से बाहर नहीं निकल पाते। ऐसे में, अंडा अंदर ही फंस जाता है और टूट जाता है, जिससे संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता है।

चिड़ियाघर में शेष एमू

मृत एमू के बाद, रामनिवास बाग चिड़ियाघर में अब 11 एमू बचे हैं। सभी 11 एमू यहीं पैदा हुए हैं और अब वयस्क हो गए हैं। अब तक, 27 एमू नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में स्थानांतरित किए जा चुके हैं। शेष एमू को भी धीरे-धीरे स्थानांतरित किया जाएगा।

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी की शुरुआत

शुक्रवार को, उद्घाटन के एक महीने बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी की शुरुआत हुई। पहले दिन, 11 लोगों ने टाइगर सफारी का आनंद लिया और पार्क के तीन बाघों – गुलाब, चमेली और भक्ति को देखा।

पार्क में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक लॉयन और टाइगर सफारी का आनंद लिया जा सकता है। वर्तमान में, सफारी टिकट देशी और विदेशी पर्यटकों दोनों के लिए 200 रुपये हैं।

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