अजमेर विकास प्राधिकरण अधिकारियों पर राजस्व हानि का आरोप
अजमेर विकास प्राधिकरण के तत्कालीन उपायुक्त सहित छह अधिकारियों पर सरकार को राजस्व नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। आरोपों के अनुसार, अधिकारियों ने मिलकर व्यवसायिक भूखंड के लिए आवासीय राशि वसूल की, जिससे 2 लाख 10 हजार रुपये का नुकसान हुआ।
जांच और मामला दर्ज
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने जांच के बाद मामला दर्ज किया है। तत्कालीन उपायुक्त दीप्ति शर्मा, सहायक नगर नियोजक नवनीत शर्मा, प्रारूपकार गुरजीत सिंह, लाभार्थी देवेंद्र कुमार सिंघल और सरला देवी सिंघल पर षड्यंत्र रचने और झूठे दस्तावेज पेश करने का आरोप है।
आरोपों का विवरण
* आरोपियों ने अनासागर सरकुलर रोड के किनारे स्थित लाभार्थियों के भूखंड के लिए व्यवसायिक गतिविधियों को अनुमति दी।
* उन्होंने लाभार्थियों से झूठा शपथ पत्र लिया और भूखंड के लैंडमार्क को गलत बताया।
* उन्होंने 60 फीट के बजाय 50 फीट दूरी पर सेटबैक मानकर एक झूठा साइट प्लान जारी किया।
* उन्होंने व्यवसायिक भूखंड के लिए 1,87,382 रुपये की आवासीय राशि वसूल की, जबकि वास्तविक व्यवसायिक राशि 3,97,817 रुपये होनी चाहिए थी।
राजकोष को नुकसान
आरोपियों के कार्यों से राजकोष को 2,10,435 रुपये का नुकसान पहुंचा। यह पता लगाने के लिए मामले की आगे की जांच चल रही है कि इसमें और कौन शामिल थे।