रोहतक के सेक्टर 14 में अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान पूर्व वित्त मंत्री, कैप्टन अभिमन्यु ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया।
नेता प्रतिपक्ष के चयन में होने वाली देरी पर कैप्टन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का चुनाव सभी नेताओं के सहयोग से किया जाता है, लेकिन कांग्रेस पार्टी के नेताओं में आपसी सहमति नहीं है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हुए हंगामे पर प्रतिक्रिया देते हुए कैप्टन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा धारा 370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में शांति बहाल हुई है। उन्होंने कहा कि कुछ देश विरोधी ताकतें धारा 370 को बहाल करने की बात कर रही हैं, जो संविधान के खिलाफ है। उन्होंने हंगामे को गलत बताया और कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था।
कांग्रेस की चुनावी हार पर कैप्टन ने कहा कि चुनाव से पहले कांग्रेसी नेताओं में अहंकार भरा हुआ था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के 10 सालों में भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार व्याप्त था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में गुटबाजी साफ दिखाई देती थी और एक ही नेता का वर्चस्व चलता था। इसके विपरीत, बीजेपी एकजुट होकर काम करती है।
कैप्टन ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का चयन करने में सभी विधायकों की सहमति होती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में एक ही परिवार का वर्चस्व है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एक परिवार के दबाव में बोलते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने कांग्रेसी नेताओं के अहंकार को खत्म कर दिया है।