गुजरात के अमरेली जिले में एक अनोखी घटना घटी, जहां एक किसान ने अपनी लकी कार को दफनाकर उसे अंतिम विदाई दी।
पडरसिंगा गांव के रहने वाले संजय पोरला ने दस साल पहले सेकेंड हैंड कार खरीदी थी। इसके बाद से उनकी माली हालत में काफी सुधार हुआ। उन्होंने माना कि यह कार उनके लिए लकी थी।
कबाड़ हो चुकी कार को बेचने के विचार से इनकार करते हुए पोरला ने इसे पूरे धूमधाम से दफनाया। उन्होंने कहा, “मैं इस कार को बेचना नहीं चाहता था।”
उन्होंने कार की विदाई के लिए 4 लाख रुपये खर्च किए। बुधवार की रात भोज का भी आयोजन किया गया, जिसमें पूरे गांव के लोग शामिल हुए।
सूरत से आए हरेश कारकर ने कहा, “मैंने अपने जीवन में ऐसा कभी न देखा और न ही सुना।”
कार को दफनाने के बाद, पोरला ने उसी जगह एक पेड़ लगाने का फैसला किया, ताकि उनकी लकी कार की याद हमेशा जिंदा रहे।