ज्ञानोदय महाराज का करनाल जेल से संदेश: “धर्म के नाम पर हिंसा किसी धर्म की नहीं”

करनाल जेल में बंदियों को गीता का संदेश देने पहुँचे स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कनाडा में मंदिर पर खालिस्तानियों के हमले पर कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा और घृणा फैलाने वाले तत्व किसी भी धर्म का हिस्सा नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि ऐसी गतिविधियाँ समाज में अशांति और विभाजन पैदा करने की कोशिश हैं।

जेल में बंदियों को दिया गीता का संदेश

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने आज करनाल की जेल में बंदियों के साथ गीता पर चर्चा की। उन्होंने उन्हें निराशा से बाहर निकलने और अपने जीवन में सुधार लाने का संदेश दिया। गीता के श्लोकों के माध्यम से उन्होंने बंदियों को सकारात्मकता की ओर प्रेरित किया और कहा कि उन्हें अपने स्वभाव को बदलना होगा और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।

गीता जयंती समारोह की तैयारी

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बंदियों को प्रेरित किया कि वे गीता जयंती समारोह में हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि पिछले साल करनाल जेल ने एक मिनट गीता पाठ के आयोजन में अग्रणी भूमिका निभाई थी, और इस बार भी बंदियों ने संकल्प लिया है कि वे इस उत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे।

जेल में गौशाला प्रारंभ

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि करनाल जेल में एक गौशाला बनाई गई है, जहाँ बेसहारा गायों को आश्रय मिलेगा। विधायक जगमोहन आनंद और गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष सरवन गर्ग ने कहा कि गायों के दूध का उपयोग जेल में ही किया जाएगा, जिससे बंदियों को सेवा करने का मौका मिलेगा और वे समाज की भलाई में योगदान दे सकेंगे।

युवाओं को नशे से दूर रहने का संदेश

स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने युवाओं को नशे की लत से दूर रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि अपनी ऊर्जा को नशे में बर्बाद करने के बजाय युवाओं को अपने माता-पिता और जरूरतमंदों की सेवा में लगानी चाहिए।

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