तेजी से बढ़ती इंटरनेट पहुँच और उभरती हुई तकनीक में स्कैमर्स के लिए नए अवसर
इंटरनेट की पहुँच तेजी से बढ़ने और तकनीक के विकास ने लोगों के जीवन को बदल दिया है, लेकिन इसने स्कैमर्स के लिए भी नए अवसर खोल दिए हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी उभरती हुई तकनीकें तेजी से अपना दायरा बढ़ा रही हैं, जिससे स्कैमर्स लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए अधिक परिष्कृत तरीके ढूंढ रहे हैं।
हाल के वर्षों में, स्कैमर्स ने सोशल मीडिया, ईमेल और टेक्स्ट संदेशों के माध्यम से लोगों को लक्षित करने के लिए एआई का उपयोग करना शुरू कर दिया है। ये स्कैम अक्सर अत्यधिक व्यक्तिगत होते हैं, जिसमें प्राप्तकर्ता के नाम, पते और अन्य व्यक्तिगत जानकारी शामिल होती है। एआई स्कैमर्स को ऐसे संदेश तैयार करने की अनुमति देता है जो वास्तविक प्रतीत होते हैं, जिससे लोगों को यह विश्वास हो जाता है कि वे किसी भरोसेमंद स्रोत से संपर्क कर रहे हैं।
इसके अलावा, स्कैमर्स फिशिंग हमलों में एआई का उपयोग कर रहे हैं। फिशिंग एक प्रकार का साइबर हमला है जिसमें स्कैमर्स वैध दिखने वाली वेबसाइटों या ईमेल बनाते हैं जो लोगों को अपनी व्यक्तिगत जानकारी दर्ज करने के लिए प्रेरित करते हैं। एआई स्कैमर्स को ऐसी वेबसाइटें और ईमेल तैयार करने की अनुमति देता है जो लगभग वास्तविक दिखाई देते हैं, जिससे लोगों को स्कैम की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
तकनीकी प्रगति के रूप में, स्कैमर्स नए और अधिक परिष्कृत तरीके ढूंढना जारी रखेंगे लोगों को लक्षित करने और उनके व्यक्तिगत डेटा और धन को चुराने के लिए। इसलिए, ऑनलाइन रहते हुए सावधानी बरतना और संभावित स्कैम के लक्षणों से अवगत होना महत्वपूर्ण है।