हरियाणा में 3 दिन अगस्त के 24 सालों में सर्वाधिक बारिश की चेतावनी, मानसून सामान्य से 26 प्रतिशत कम रहा

हरियाणा में मानसून गतिविधियाँ

1-2 दिन के अंतराल के बाद, हरियाणा में मानसूनी गतिविधियाँ फिर से तेज होने की संभावना है। 2 से 5 सितंबर के बीच, मानसूनी हवाओं के सक्रिय होने से प्रदेश के अधिकांश भागों में व्यापक वर्षा होने का अनुमान है।

हाल के आंकड़ों के अनुसार, हरियाणा अभी भी मानसून का पूरा कोटा प्राप्त नहीं कर पाया है। हालाँकि, अगस्त के महीने में 24 वर्षों बाद यह देखने को मिला कि सामान्य से 26% अधिक वर्षा हुई। इसके विपरीत, 2004 में सामान्य से 49% कम, 2014 में सामान्य से 80% कम और 2009 में सामान्य से 79% कम वर्षा हुई थी।

मौसम विज्ञानियों के पूर्वानुमान के अनुसार, मानसून 15 सितंबर को वापस लौट जाएगा। धान उगाने वाले क्षेत्रों में अपेक्षाकृत कम वर्षा हुई है, जबकि बाजरा उगाने वाले क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा देखने को मिली है। बारिश के इस असंतुलन का फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।

मानसून ट्रफ़ का उत्तर की ओर बढ़ना

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के प्रमुख, डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून ट्रफ़ के सामान्य स्थान से उत्तर की ओर बढ़ने से राज्य में मानसूनी हवाओं की गतिविधि बढ़ने की संभावना है।

इससे, 1 सितंबर को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और दक्षिणी हरियाणा के कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश हो सकती है। 2 सितंबर से, वर्षा गतिविधियाँ फिर से तेज होने लगेंगी। 2 सितंबर की रात से 5 सितंबर के बीच, राज्य के अधिकांश भागों में तेज हवाओं और गरज के साथ हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की भी संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *