शीर्ष अदालत की खबरें: बिहार जाति सर्वेक्षण पर सितंबर में सुनवाई
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट 21 सितंबर को बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण पर सुनवाई करेगा। इस सर्वेक्षण को कुछ याचिकाकर्ताओं ने चुनौती दी है।
सीजेआई ने वकील से मांगी माफी
प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने सोमवार को एक वकील से माफी मांगी, जिसने उन्हें इस मामले में सुनवाई से खुद को अलग करने के लिए कहा था।
वकील ने सीजेआई पर लगाए आरोप
वकील ने आरोप लगाया कि सीजेआई ने मामले की सुनवाई से पहले सर्वेक्षण के बारे में ज्ञान प्रदर्शित किया था, जो कि सुनवाई से पहले पक्षपातपूर्ण रवैया दिखाता है।
सीजेआई ने सफाई दी
सीजेआई ने सफाई देते हुए कहा कि वह केवल मामले की मूलभूत समझ पर चर्चा कर रहे थे और उनका कोई पूर्व निर्मित विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि वह निष्पक्ष रूप से मामले की सुनवाई करेंगे।
सर्वेक्षण को चुनौती
याचिकाकर्ताओं ने सर्वेक्षण को इस आधार पर चुनौती दी है कि यह जाति-आधारित भेदभाव और आरक्षण को बढ़ावा देगा। उन्होंने यह भी तर्क दिया है कि यह व्यक्तिगत डेटा के अधिकार का उल्लंघन करता है।
सरकार का तर्क
बिहार सरकार ने सर्वेक्षण का बचाव करते हुए कहा है कि यह पिछड़े वर्गों की स्थिति का आकलन करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में एकत्रित डेटा का उपयोग सामाजिक कल्याण योजनाओं और नीतियों को तैयार करने में किया जाएगा।