राशन डीलरों की सरकार को चेतावनी: 30 हजार सैलरी, गुजरात मॉडल लागू करने समेत मांग, 1 अगस्त से राशन वितरण ठप

राशन वितरण विक्रेता हक के लिए आंदोलन तेज करेंगे

राशन वितरण विक्रेता संघ ने पिछले पांच वर्षों से अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। अब तक उनकी मांगों को सरकार द्वारा अनदेखा किया गया है। इस स्थिति से नाराज होकर, संघ ने 1 अगस्त से राशन वितरण कार्य ठप करने का फैसला किया है।

राशन डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष हेमराज मीणा ने बताया कि विक्रेताओं की मांगों में शामिल हैं:

* मासिक मानदेय को 30,000 रुपये तक बढ़ाना
* गुजरात मॉडल का कार्यान्वयन
* 2% कमीशन का भुगतान

तत्कालीन कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार दोनों ने ही विक्रेताओं की चिंताओं पर ध्यान नहीं दिया है, जिससे उनमें सरकार के प्रति रोष बढ़ गया है।

मीणा ने कहा, “हमें अपने हक के लिए लड़ना होगा। सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है, इसलिए आंदोलन हमारा अंतिम विकल्प है।”

27 जुलाई तक विक्रेता अभी भी पोश मशीनों के माध्यम से राशन वितरित करेंगे। इसके बाद, 28-29 जुलाई को वे तहसील कार्यालयों में अपनी मशीनें जमा करा देंगे। यदि सरकार तब भी उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है, तो वे 1 अगस्त से प्रदेशव्यापी हड़ताल पर चले जाएंगे।

विक्रेताओं का मानना है कि गुजरात मॉडल में हानि और व्यवधान की भरपाई के लिए प्रावधान है, जिससे उन्हें अधिक कुशलतापूर्वक काम करने में मदद मिलेगी।

एसोसिएशन ने सरकार से उनकी मांगों पर तुरंत कार्रवाई करने और गुजरात मॉडल को लागू करने का आग्रह किया है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है, तो राशन वितरण पूरे राज्य में ठप हो जाएगा।

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