राजमेस के 92 डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर लगातार दूसरे दिन सामूहिक अवकाश रखा
राजमेस से जुड़े 92 डॉक्टर RSR नियमों को लागू करने और डाइंग कैडर को समाप्त करने की मांग को लेकर मंगलवार को भी सामूहिक अवकाश पर रहे।
धरना स्थल पर हवन पूजन और भजन-कीर्तन
बांगड़ अस्पताल परिसर में स्थापित धरना स्थल पर डॉक्टरों ने मंगलवार को हवन पूजन किया और आहुतियां दीं। उन्होंने भजन-कीर्तन भी किया। धरना स्थल पर कई डॉक्टर मौजूद थे।
आरएसआर नियमों को लागू करने की मांग
डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार RSR नियमों को लागू नहीं करती, वे सामूहिक अवकाश पर ही रहेंगे। उन्होंने कहा कि इन नियमों के लागू नहीं होने से मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टरों को महंगाई भत्ता, ग्रेड पे सिस्टम, नॉन प्रैक्टिस भत्ता, पोस्टमार्टम भत्ता और पीएल का नकद भुगतान जैसे लाभ नहीं मिलेंगे।
डाइंग कैडर के खिलाफ विरोध
डॉक्टरों ने मांग की कि राजमेस चिकित्सक शिक्षकों को डाइंग कैडर घोषित न किया जाए, बल्कि उन्हें RSR नियमों के तहत लिया जाए। इससे उनका भविष्य सुरक्षित होगा और उन्हें राज्य सेवा का दर्जा मिलेगा।
अन्य लाभों की मांग
डॉक्टरों ने पुरानी पेंशन योजना, अनुकंपा नियुक्ति और अन्य लाभों की भी मांग की।
प्रिंसिपल और अधीक्षक ने व्यवस्था का निरीक्षण किया
डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश के बावजूद, अस्पताल की व्यवस्था प्रभावित नहीं हुई। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अरुणा सोलंकी और बांगड़ अस्पताल के अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास ने मंगलवार सुबह अस्पताल का निरीक्षण किया। उन्होंने आउटडोर, ट्रॉमा वार्ड और वार्डों में व्यवस्था का जायजा लिया। प्रिंसिपल ने बताया कि अस्पताल में व्यवस्था सुचारू रूप से चल रही है। अधीक्षक ने कहा कि एनेस्थीसिया डॉक्टरों की कमी को देखते हुए सुमेरपुर से एक डॉक्टर को बुलाया गया है। फिलहाल, व्यवस्था सामान्य है।