जवाई नदी के पुनरुद्धार के लिए आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने विधानसभा में आवाज उठाई है। उन्होंने मांग की है कि जवाई बांध से निकलने वाले पानी को जवाई नदी में छोड़ा जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पानी किसी और क्षेत्र को भेजा गया तो जालोर जिले के लोग बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे।
राजपुरोहित ने कहा, “जवाई नदी जालोर की जीवनरेखा है। जवाई बांध के पानी से ही नदी को पुनर्जीवित किया जा सकता है।” उन्होंने राज्य सरकार के उस प्रस्ताव का विरोध किया है जिसमें जवाई बांध से पाली और जोधपुर तक क्षतिग्रस्त नहरों की मरम्मत कराने और पानी को जोधपुर तक पहुंचाने की योजना है।
राजपुरोहित ने कहा, “यह प्रस्ताव जालोर के साथ अन्याय है। जवाई बांध के बनने से जालोर को कोई लाभ नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ है।” उन्होंने जल संसाधन मंत्री का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित किया कि अधीक्षक अभियंता ने बयान दिया है कि जवाई नदी को भरने के लिए बह रहे पानी का उपयोग सिंचाई के लिए किया जा सकता है।
राजपुरोहित ने इस बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “अधीक्षक अभियंता नदी में जाने वाले पानी को व्यर्थ बता रहे हैं, जबकि मेरे क्षेत्र में पानी बांध के ओवरफ्लो होने पर ही जाता है। उस पानी से 20 लाख कुएं रिचार्ज हो रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “पहले भी हम जवाई के पानी के लिए किसान आंदोलन पर बैठे थे। अगर अब भी पानी कहीं और भेजा गया तो हम बड़े पैमाने पर आंदोलन करेंगे। यह प्रस्तावित योजना जालोर-सिरोही के लिए अभिशाप है। इसे बंद किया जाए।”