आक्या के बच्चों की भीख माँगने पर आक्रोश: गहलोत सख्त, अध्यक्ष ने रोक पर जोर दिया

चित्तौड़गढ़ विधायक बाल भिक्षावृत्ति पर कार्रवाई की मांग करते हैं

चित्तौड़गढ़ विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने सोमवार को विधानसभा में बाल भिक्षावृत्ति के मुद्दे को उठाया। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान में बाल भिक्षावृत्ति बढ़ रही है और इसे रोकने के लिए नए कानून और सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।

सरकार की प्रतिक्रिया

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि सरकार इस गंभीर मुद्दे से अवगत है और लगातार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने बताया कि मूल कानून में दंडात्मक प्रावधान जोड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है जो बच्चों से भीख मंगवाते हैं।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने भी मंत्री गहलोत से सख्त कार्रवाई का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि बच्चों से भीख मंगवाने वालों को कड़ा दंड दिया जाना चाहिए।

सरकार की गंभीरता का आश्वासन

गहलोत ने कहा कि सरकार बच्चों से भीख मंगवाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन स्माइल प्रोजेक्ट के तहत भीख मांगने और नकली बच्चों से भीख मंगवाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने बताया कि जयपुर, उदयपुर और जैसलमेर को इस प्रोजेक्ट के लिए चिन्हित किया गया है।

शिक्षा पर जोर

आक्या ने सुझाव दिया कि सरकार को भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा से जोड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी छात्रावासों में रखा जाना चाहिए और उनकी शिक्षा का खर्च उठाया जाना चाहिए।

नए प्रावधान

गहलोत ने कहा कि नए कानून के तहत बच्चों से भीख मंगवाने वालों को 5 से 10 साल तक की सजा हो सकती है। देवनानी ने जोर देकर कहा कि कानून का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए ताकि बाल भिक्षावृत्ति को रोका जा सके।

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