अलवर जिला परिषद में जिला प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव की मांग कर रहे पार्षद एकजुट हो गए हैं। शुक्रवार को जिला पार्षदों ने सामूहिक रूप से जिला परिषद में सीईओ से मुलाकात की और अविश्वास प्रस्ताव के लिए फ्लोर टेस्ट की तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया।
हालांकि, सीईओ ने पार्षदों से पुनः आवेदन पत्र प्रस्तुत करने को कहा। इस पर पार्षदों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि वे पिछले 15 दिनों से तिथि की मांग कर रहे हैं और सभी पार्षद एकमत हैं।
उप जिला प्रमुख ललिता मीणा और पार्षद संदीप फौलादपुरिया ने आरोप लगाया कि जिला प्रमुख पार्षदों को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “पहले हम जयपुर के अधिकारियों से मिले थे और बाद में कलेक्टर और सीईओ से फ्लोर टेस्ट की मांग की थी। लेकिन प्रशासन पर दबाव है और वे तिथि नहीं दे रहे हैं।”
पार्षदों ने दावा किया कि जिला प्रमुख प्रत्येक पार्षद के घर व्यक्तिगत रूप से जाकर उन्हें प्रभावित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हमारा कोई भी पार्षद बिकने वाला नहीं है। हमारे पास 45 से अधिक उम्मीदवार हैं।”
सीईओ के पुनः आवेदन देने के आग्रह को लेकर पार्षदों ने अस्वीकार कर दिया। उनका कहना है, “जिला पार्षदों का कोई सम्मान नहीं है। जिला प्रमुख ने कई झूठी घोषणाएं की हैं और कार्यों को पूरा करने से इंकार कर दिया है। उनका व्यवहार भी अच्छा नहीं है। इन कारणों से पार्षद नाराज हैं।”
पार्षदों ने कहा कि उनके समूह में भाजपा और कांग्रेस दोनों के पार्षद शामिल हैं।