जेलों में कैदियों को मिलेगी पढ़ाई का मौका: डिग्री और डिप्लोमा के अलावा बागवानी, योगा और खाना बनाने की भी ट्रेनिंग

अलवर केंद्रीय कारागार: बंदियों को शिक्षण और व्यावसायिक प्रशिक्षण का अवसर

अलवर केंद्रीय कारागार में बंदियों को शिक्षा प्राप्त करने और जीवनयापन के लिए कौशल हासिल करने के पर्याप्त अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

शिक्षा और डिप्लोमा

* इग्नू विशेष अध्ययन केंद्र के माध्यम से डिग्री-डिप्लोमा कार्यक्रमों की पेशकश की जाती है।
* बंदियों ने स्नातक, स्नातकोत्तर और विभिन्न प्रमाणपत्र व डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में परीक्षा दी है।
* 2023 तक, 676 बंदियों ने इग्नू में नामांकन कराया है, जिनमें से 379 ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रमाणपत्र और डिप्लोमा प्राप्त किए हैं।
* जून 2024 सत्र के लिए, 28 बंदियों ने पाठ्यक्रमों और स्नातक डिग्री कार्यक्रमों में परीक्षा दी है।

व्यावसायिक प्रशिक्षण

* बंदियों को हाउस वायरिंग, बागवानी, योग और खाना पकाने जैसे व्यावसायिक कौशल में प्रशिक्षण दिया जाता है।
* 310 बंदियों ने इन कार्यक्रमों में भाग लिया है और रिहाई के बाद आजीविका कमाने के लिए प्रशिक्षित किए गए हैं।
* कारपेंट्री ट्रेड में एक वर्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में 122 बंदी भाग ले रहे हैं।

कारागार प्रशासन का समर्थन

* कारागार अधीक्षक शिवेंद्र शर्मा बंदियों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
* पुस्तकालय प्रभारी रविंद्र उपाध्याय और मुख्य प्रहरी नरेंद्र कुमार बैरवा भी उनके प्रयासों में सहयोग कर रहे हैं।

इस कदम से बंदियों को उनके कारावास के दौरान और उसके बाद उत्पादक और स्वावलंबी जीवन जीने में मदद मिलेगी।

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