आरएएस नहीं बन सके तो की बागवानी-नर्सरी में कमाई, सालाना इनकम 40 लाख; क्षेत्रवासियों को दे रहे नौकरी

युवक ने पुलिसकर्मिता से बागवानी में सफलता की गाथा:

एक युवक, जिसकी पुलिस अधिकारी बनने की आकांक्षा थी, लेकिन सरकारी सेवा में असफल रहा। कई प्रतियोगी परीक्षाओं में असफल होने के बाद, उन्होंने खेती में अपना भाग्य आजमाने का फैसला किया।

अपनी माँ से प्रेरित होकर, उन्होंने बागवानी और नर्सरी के क्षेत्र में प्रवेश किया। धीरे-धीरे, उन्होंने 2 बीघा के बगीचे में मौसमी, संतरा और अमरूद के पेड़ लगाए, और एक बीघा में नर्सरी स्थापित की।

महिलाओं को रोजगार प्रदान करने वाले नवीन नर्सरी में गाँव की सात महिलाएँ कार्यरत हैं। उनकी वार्षिक आय 40 लाख रुपये है, जिसमें बागवानी से 10 लाख रुपये और नर्सरी से 30 लाख रुपये आती है।

मिट्टी और पानी की गुणवत्ता की जाँच करने के बाद, नवीन ने अपनी भूमि में फलदार पौधे लगाए। वह विभिन्न प्रकार की फलदार पौधों पर काम कर रहे हैं, जिसमें मौसमी, नींबू, अनार, आम, अंगूर और ड्रैगन फ्रूट शामिल हैं।

भारत सरकार के सहयोग से, नवीन किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पादप पदार्थ प्रदान करने के लिए काम कर रहे हैं। उनका लक्ष्य 2026 तक देश भर के किसानों को उत्कृष्ट फलदार पौधे उपलब्ध कराना है।

नवीन का मानना है कि भविष्य में फलों की विभिन्न किस्मों की माँग होगी, और वह किसानों को उनके खेतों के एक हिस्से में बगीचे विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। उनका उद्देश्य राजस्थान की जलवायु के अनुकूल फ्रूट प्लांट तैयार करना है।

यद्यपि पुलिसकर्मिता उनकी प्रारंभिक आकांक्षा थी, लेकिन नवीन ने बागवानी में अपनी सफलता की कहानी लिखी है। उनका नवाचार और किसानों को समर्थन देने की प्रतिबद्धता उन्हें कृषि क्षेत्र में एक प्रेरक शक्ति बनाती है।

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