सिलीसेढ़ के जंगल में आग, रात भर में काबू पाया गया।

सरिस्का बफर जोन में भीषण आग, 40 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित

अलवर, [दिनांक]। सरिस्का बाघ परियोजना के बफर जोन में स्थित सिलीसेढ़ के निकटवर्ती जंगल में बीती रात भीषण आग लग गई। आग की लपटें दूर-दूर तक दिखाई दे रही थीं। वन विभाग के कर्मचारियों ने कई रेंजों से एकजुट होकर आग बुझाने का प्रयास किया, जिसमें काफी हद तक सफलता मिली है।

अलवर बफर रेंजर शंकर सिंह ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए वनकर्मी रात भर जुटे रहे। उन्होंने कहा कि आग को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया है और सुबह भी लगातार निगरानी की जा रही है। अनुमान है कि आग लगभग 40 हेक्टेयर वन क्षेत्र में फैल गई थी। हवा के कारण आग के फिर से फैलने का खतरा बना हुआ है।

इस वर्ष सिलीसेढ़ क्षेत्र में वन क्षेत्र में आग लगने की यह दूसरी घटना है। आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।

उल्लेखनीय है कि 3 मार्च को अलवर वन मंडल में जिंदोली घाटी के पास पहाड़ी क्षेत्र में भी आग लगी थी, जिसमें करीब 100 हेक्टेयर वनस्पति जलकर राख हो गई थी। इसके अतिरिक्त, टहला रेंज सहित कई अन्य स्थानों पर भी आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं। 4 अप्रैल को चुहड़ सिद्ध क्षेत्र और 1 अप्रैल को टहला रेंज के जहाज मंदिर के पास पहाड़ी पर भी आग लगी थी, जिसे बुझाने में पांच दिन लगे थे। 3 अप्रैल को सिलीसेढ़ क्षेत्र में पहाड़ी पर आग लग चुकी है।

पहाड़ी क्षेत्रों में फायर लाइन बनाकर और पेड़ों की हरी टहनियों से आग बुझाने के अलावा कोई टिकाऊ संसाधन उपलब्ध नहीं हैं। वन विभाग आग पर पूरी तरह से काबू पाने के लिए प्रयासरत है।

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