भास्कर न्यूज | अलवर: अलवर शहर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। कुत्तों के काटने की घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है। इस बीच, नगर निगम द्वारा कुत्तों की नसबंदी का अभियान ठप्प पड़ गया है। पिछले 38 दिनों में महज 20 कुत्तों की ही नसबंदी की जा सकी है।
अभियान से जुड़े प्रभारी का कहना है कि पशु अस्पताल ने कुत्तों को नसबंदी के लिए फिलहाल न लाने का लिखित में अनुरोध किया था, जिसके बाद अभियान रोक दिया गया। वहीं, पशु अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि दवाओं की कमी के कारण नसबंदी रोकनी पड़ी थी। दवा खरीदने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखा गया था। अब दवाइयां आ चुकी हैं और सोमवार से अभियान फिर शुरू किया जाएगा।
आंकड़ों पर गौर करें तो 40 दिनों में केवल 20 कुत्तों की नसबंदी हो पाई है। इस गति से 100 कुत्तों की नसबंदी करने में लगभग 5 महीने लग जाएंगे।
गौरतलब है कि बुधवार को नंगला समावधि के गांधी नगर इलाके में एक ढाई साल की बच्ची ख्वाहिश को कुत्ते ने काट लिया था, जिसके चेहरे पर बीस से अधिक टांके आए हैं। इसके अलावा, 8 मार्च को जेके नगर में एक बालिका को 12 कुत्तों ने घेरकर काट लिया था।
इन घटनाओं के बाद नगर निगम ने 10 मार्च को 100 कुत्तों की नसबंदी के लिए 1 लाख 22 हजार रुपये जमा कराए थे। इसके बाद निगम ने कुत्तों को पकड़कर पशु अस्पताल भेजना शुरू किया, लेकिन केवल 20 कुत्तों की नसबंदी में ही 40 दिन लग गए।
नगर निगम के पशु पकड़ अभियान के प्रभारी कमल मीणा ने बताया कि पशु अस्पताल से पत्र मिलने के बाद अभियान रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल से अनुमति मिलने पर अभियान दोबारा शुरू कर दिया जाएगा।
पशु अस्पताल के सहायक निदेशक सुरजीत सिंह ने बताया कि दवाओं की कमी के कारण नसबंदी रोकनी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि सोमवार से नसबंदी शुरू कर दी जाएगी। उनका यह भी कहना है कि अस्पताल में केवल दो सर्जन हैं, जो प्रतिदिन 5 से अधिक कुत्तों की नसबंदी नहीं कर सकते।