नौगांवा में बच्ची की मौत का मामला: एसएचओ अजीत बड़सरा हटाए गए, पहले 5 पुलिसकर्मी लाइन हाजिर
नौगांवा (अलवर): नौगांवा के तेलियाबास गांव में साइबर ठगी के संदिग्ध आरोपियों पर दबिश के दौरान 20 दिन की बालिका की मौत के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस अधीक्षक ने थाना प्रभारी (एसएचओ) अजीत बड़सरा को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। उन्हें पुलिस अधीक्षक कार्यालय में पदस्थापित किया गया है। इससे पहले इस मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया जा चुका है।
गौरतलब है कि अलवर पुलिस ने 3 मार्च को नौगांवा के तेलियाबास गांव में सुबह करीब 6 बजे दबिश दी थी। पुलिस टीम इमरान नामक व्यक्ति के घर पहुंची थी। आरोप है कि जब पुलिस इमरान को पकड़ने गई, तो एक पुलिसकर्मी ने चारपाई पर पैर रख दिया, जिस पर 20 दिन की बालिका रजाई में लिपटी सो रही थी। परिजनों का आरोप है कि इससे बालिका घायल हो गई और गला दबने से उसकी मौत हो गई। हालांकि, पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
घटना के बाद से ही स्थानीय लोगों में आक्रोश था और कार्रवाई की मांग की जा रही थी। दबाव को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ने पहले 5 पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर किया और अब एसएचओ अजीत बड़सरा को भी हटा दिया है।
मृत बालिका के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी 20 दिन की बेटी को पुलिसवालों ने मारा है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों ने चारपाई पर रजाई में लिपटी उनकी मासूम बेटी पर पैर रखा, जिसके बाद उसके मुंह और नाक से झाग निकलने लगे थे। इस मामले में आगे की जांच जारी है।