नेता प्रतिपक्ष जूली ने बोलने आए पायलट का हाथ पकड़ रोका

अलवर के रामगढ़ उपचुनाव में पायलट-जितेंद्र की मंच पर ‘उलझन वाली केमेस्ट्री’

अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए रविवार को जनसभा में पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की मंच पर ‘उलझन वाली केमेस्ट्री’ देखने को मिली। इससे आम लोगों में यह संदेश गया कि दोनों में कौन बड़ा है? और किसको पहले बुलाया जाना चाहिए था।

दरअसल, मंच संचालक ने नेता प्रतिपक्ष तिकाराम जूली के भाषण के बाद अचानक अगले वक्ता का नाम लेना शुरू कर दिया। इससे पहले, सचिन पायलट अपनी सीट से उठकर माइक की तरफ संबोधन के लिए चल दिए थे। लेकिन उनसे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह को संबोधन के लिए बुलाया गया।

जब सचिन पायलट माइक की तरफ बढ़े तो नेता प्रतिपक्ष तिकाराम जूली ने उनका हाथ पकड़कर रोका और कहा कि “पहले भंवर साहब (जितेंद्र सिंह) को बोलने दो।” इसी बीच, जितेंद्र सिंह तुरंत माइक की तरफ बढ़े और बात संभालने की कोशिश करते हुए कहा कि “मैं और सचिन पायलट पहले ही बात कर रहे थे कि एक लाइन आप बोलें, एक मैं बोल लूं।”

इस पूरे घटनाक्रम से आम लोगों में यह संदेश गया कि पार्टी में बड़ा नेता कौन है और किसको पहले बुलाया जाना चाहिए। बाद में जितेंद्र सिंह ने कहा कि “रामगढ़ की जनता ने मान-सम्मान दिया। मैंने पहले ही पायलट साहब से कहा था कि एक लाइन आप बोलें, एक मैं बोल लूं।” फिर उन्होंने कहा कि “बड़ी जीत का मार्जिन होना चाहिए। वह हाथी जो बिल्कुल पागल हो गया है, पूरे राजस्थान को रौंदता जा रहा है। उस पर लगाम डालने का काम राजस्थान से शुरू होगा। राजस्थान की जनता 13 तारीख का इंतजार कर रही है।”

इसके बाद जितेंद्र सिंह ने अपना भाषण शुरू किया। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि “लोकतंत्र में तराजू बराबर होना चाहिए। लेकिन भाजपा सरकार के गठन के बाद सत्ता के कई केंद्र बन गए हैं। विधायकों पर बाबू हावी हैं। मुख्यमंत्री पर मंत्री हावी हैं। मंत्रियों पर उद्योगपति हावी हैं। 11 महीने में ही पता चल गया है कि यह सरकार नहीं चला पा रही है।”

रामगढ़ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दौरे के बारे में पायलट ने कहा कि “यह डबल इंजन की सरकार है। फिर भी उपचुनाव में दो-दो बार मुख्यमंत्री को आना पड़ रहा है।” उन्होंने दिवंगत विधायक जुबेर खान के कामकाज की तारीफ की।

भाजपा सरकार पर हमला करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि “इनके नेता मंदिर-मस्जिद की बात करते आ रहे हैं। विकास के नाम पर वोट नहीं मांगते हैं। किसानों के खिलाफ कानून बनाए हैं। अब जनता समझ चुकी है।”

नेता प्रतिपक्ष तिकाराम जूली ने कहा कि “दीपावली गरीबों की होती है। भगवान श्रीराम जब वनवास से आए तो सभी गरीबों ने दीपक जलाए थे। लेकिन अब दिवाली से पहले गरीबों को पेंशन तक नहीं दी गई है। एक तरह से भजनलाल सरकार के रहते गरीबों ने काली दिवाली मनाई है। अब जनता उन्हें सबक सिखाएगी।”

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