गोवर्धन पूजा भी दो दिवसीय हुई
गोवर्धन पूजा, दीपावली के समान ही दो दिनों तक मनाई जा रही है। कई स्थानों पर शुक्रवार शाम को गोवर्धन पूजन हुआ। जबकि अधिकांश स्थानों पर शनिवार शाम को गोवर्धन पूजन होगा।
दीपावली के अगले दिन गोवर्धन की पूजा करने की परंपरा है। हालाँकि, इस बार गोवर्धन पूजन को लेकर भी भिन्न मान्यताएँ प्रचलित हैं।
अलवर शहर के रूपवास में स्थित रूप हरि मंदिर में शनिवार को अन्नकूट महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस महोत्सव में सैकड़ों लोगों ने प्रसादी ग्रहण की।
मंदिर के पुजारी दिनेश शांडिल्य ने बताया, “आमतौर पर दीपावली की रात को ही अन्नकूट बनाने का कार्य शुरू हो जाता है। लेकिन इस बार दीपावली 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाई गई। इस वजह से अन्नकूट का आयोजन 2 नवंबर को किया गया।”
उन्होंने कहा, “लोगों की अलग-अलग मान्यताएँ हैं, जिसके आधार पर अलग-अलग दिनों में अन्नकूट का आयोजन किया जाता है।”
अन्नकूट में बाजरा, मूंग कढ़ी और भुजिया प्रसाद के रूप में वितरित किए जाते हैं। इस प्रसाद का स्वाद अनोखा होता है, जिसके कारण लोग इसे घरों में भी ले जाते हैं।
जिले भर में शहरों, कस्बों और गाँवों के मंदिरों में यह प्रसाद वितरित किया जा रहा है।