केरपुरा ग्रामीणों ने रींगस-खाटूश्यामजी रेल लाइन सर्वे में बदलाव के ख़िलाफ़ किया विरोध
दांतारामगढ़ उपखंड के केरपुरा गांव के सैकड़ों निवासियों ने रींगस-खाटूश्यामजी रेल लाइन सर्वेक्षण में बदलाव की मांग को लेकर एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया और प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ नारेबाजी की। उन्होंने दावा किया कि रेलवे विभाग ने रेल लाइन के लिए निष्पक्ष सर्वेक्षण किया था, जो ग्रामीणों को स्वीकार्य था और उनके हितों की रक्षा करता था।
ग्रामीणों ने बताया कि सर्वेक्षण के अनुसार, प्रस्तावित रेल लाइन गांव की न्यूनतम आबादी को प्रभावित करेगी, जिसे ग्रामीण स्वीकार करने को तैयार थे। हालाँकि, अब कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए रेल लाइन को मार्ग परिवर्तन करवाना चाहते हैं, जिससे अधिक आबादी प्रभावित होगी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान सर्वेक्षण में, दक्षिण दिशा में केरपुरा का सरकारी स्कूल और ढाणी सदासुखी का स्कूल रेल लाइन के बीच में आ रहे हैं। अगर इस मार्ग से रेल लाइन बिछाई जाती है, तो दोनों स्कूलों के बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी और दुर्घटनाओं का ख़तरा बढ़ जाएगा।
ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे के पहले सर्वेक्षण के अनुसार ही रेल लाइन का निर्माण किया जाना चाहिए। प्रदर्शन के बाद, ग्रामीणों ने एसडीएम गोविंद सिंह भींचर को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रेल मंत्री और जिला कलेक्टर को संबोधित एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें कार्रवाई की मांग की गई।
प्रदर्शन में शिवराज सिंह, रमेश सिंह, प्रहलाद ओला, भंवरलाल सैनी, महादेव ओला सहित कई ग्रामीण उपस्थित थे।