सांवलियाजी धाम: शालिग्रामजी विराजे चांदी के नए झूले में

श्री सांवलियाजी मंदिर में भगवान का नया चांदी का झूला

सावन महीने के पवित्र अवसर पर मेवाड़ के श्री सांवलियाजी मंदिर में भगवान के बाल स्वरूप शालिग्राम जी को एक भक्त ने एक भव्य झूला भेंट किया है। इस झूले को एक गुप्त श्रद्धालु ने दान किया है, जिसकी कीमत लगभग 15 लाख रुपये बताई जा रही है।

झूला लकड़ी का बना है, जिस पर 14.6 किलोग्राम चांदी की परत चढ़ाई गई है। इसकी लंबाई 6 फीट, चौड़ाई 3 फीट और ऊंचाई 9 फीट है। झूले को जालौर जिले के हरी आर्ट के कारीगर पारस सुथार द्वारा गढ़ा गया था, जबकि चांदी की परतें ताणा के सांवलिया हैंडीक्राफ्ट के मनोज सोनी द्वारा चढ़ाई गई थीं।

मंदिर के ओसरा पुजारी नारायण दास और नितेश महाराज ने भगवान सांवलियाजी का नोटों से विशेष श्रृंगार किया है। भगवान को नोटों से बना मुकुट, माला, फूल और पोशाक पहनाई गई है। पिछवाई भी नोटों से ही बनाई गई है। इस श्रृंगार में कुल 60,000 रुपये के नोटों का उपयोग किया गया है।

मंदिर की स्थापित परंपरा के अनुसार, श्रावण मास में चांदी का झूला लगाया जाता है, जिसमें भगवान शालिग्राम को विराजमान किया जाता है। श्रद्धालु पूरे महीने भगवान शालिग्राम को झूला झुलाते हैं। यह नया झूला 35 साल पुराने झूले की जगह लेगा, जो मंदिर द्वारा निर्मित कराया गया था।

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