राजसमंद कलेक्ट्रेट के बाहर आशा सहयोगिनी महिला कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों के समर्थन में प्रदर्शन किया और फिर कलेक्टर डॉ. भंवर लाल को एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि चिकित्सा विभाग ने आशा कार्यकर्ताओं को मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए नियुक्त किया था। हालांकि, वर्तमान में उन्हें ई-केवाईसी, चिरंजीवी योजना, आभा आईडी, आयुष्मान कार्ड और थूक के नमूने एकत्र करने जैसे अतिरिक्त कार्य दिए जा रहे हैं, जिनके लिए उन्हें कोई भुगतान नहीं किया जाता है।
थूक के नमूने एकत्र करने के लिए आशा कार्यकर्ताओं को स्वयं कमला नेहरू अस्पताल तक जाना पड़ता है, जिससे उन्हें स्वयं संक्रमित होने का खतरा रहता है। इसके अलावा, उन्हें पिछले तीन महीनों से मानदेय भी नहीं मिला है।
ज्ञापन में आगे कहा गया कि आशा कार्यकर्ताओं को पहले आईसीडीएस द्वारा नियंत्रित किया जाता था, लेकिन अब उन्हें चिकित्सा विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया है। आंगनवाड़ी केंद्रों पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है।
आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों में कहा कि उनका वर्तमान मानदेय 4500 रुपये है, जिसे बढ़ाकर 18,000 रुपये किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने परिवार के लिए आयुष्मान कार्ड बनाने और सेवानिवृत्ति पर पूर्व में घोषित 3 लाख रुपये के भुगतान के आदेश जारी करने की भी मांग की।
राजसमंद जिले में लगभग 900 आशा सहयोगिनी कार्यरत हैं।