दौसा जिले में स्कूल समय के दौरान कोचिंग सेंटरों के संचालन का विरोध
युवाओं ने दौसा जिले में मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी (सीडीईओ) कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन करते हुए भ्रष्टाचार का पुतला फूंका।
राकेश सैनी, एक स्थानीय युवा नेता ने बताया कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों की निष्क्रियता और व्याप्त भ्रष्टाचार के कारण छात्रों के भविष्य को खतरा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर पहले 11 दिनों तक कलेक्ट्रेट के सामने धरना दिया गया था, जिसके बाद कलेक्टर ने नए सत्र में स्कूल समय के दौरान संचालित होने वाले कोचिंग सेंटरों पर प्रतिबंध लगाने का आश्वासन दिया था।
हालांकि, युवाओं का आरोप है कि जांच दल गठित होने के बावजूद, शिक्षा अधिकारी ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। वे नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों को चेतावनी देकर छोड़ रहे हैं, जिससे केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हो रहा है और मान्यता प्राप्त स्कूलों को नुकसान हो रहा है। इसके अलावा, सरकारी स्कूलों में नामांकन में गिरावट आ रही है, जिससे हजारों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है।
हाल ही में, स्कूल संचालकों ने उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारी अभी भी निष्क्रिय हैं। युवाओं ने चेतावनी दी है कि अगर अवैध कोचिंग सेंटरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो वे आमरण अनशन करेंगे।
प्रदर्शन में विजय मीना, मुकेश, राजेश मीणा, उमाशंकर मीना, विजय श्याम शर्मा और लखपत सिंह सहित अन्य युवा नेताओं ने भाग लिया।