मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसरों ने हड़ताल की, कॉलेज के बाहर नारेबाजी, राजमेस के डॉक्टरों को भी आरएसआर का लाभ देने की मांग

राजमेस सहायक प्रोफेसरों की हड़ताल से सरकारी मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई बाधित

राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसायटी (राजमेस) द्वारा नियुक्त सहायक प्रोफेसरों ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है।

सहायक प्रोफेसरों का आरोप है कि हाल की बजट घोषणा में सरकार ने राजमेस के तहत नियुक्त सभी सहायक प्रोफेसरों को सरकारी सेवा नियमों का लाभ देने का वादा किया था। हालांकि, सरकार ने अब यह लाभ केवल 1 अगस्त 2024 के बाद नियुक्त सहायक प्रोफेसरों को ही देने का फैसला किया है।

इसके अलावा, राजमेस में नियुक्त शेष सहायक प्रोफेसर पदों को “डाइंग कैडर” घोषित कर दिया गया है, जिसका अर्थ है कि उन्हें धीरे-धीरे समाप्त कर दिया जाएगा। सहायक प्रोफेसरों का तर्क है कि इससे उन्हें आने वाले सहायक प्रोफेसरों की तुलना में कम लाभ प्राप्त होंगे।

हड़ताल के कारण सरकारी मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गई है। सोमवार को होने वाली थर्ड सेमेस्टर की स्थानीय परीक्षा भी रद्द कर दी गई थी।

राजमेस सहायक प्रोफेसरों के नेता डॉ. करण शर्मा ने कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है, तो वे हड़ताल जारी रखेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि हड़ताल का सरकारी अस्पतालों में भी असर पड़ा है, हालांकि रोजमर्रा के कर्मचारी और वरिष्ठ डॉक्टर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।

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