राजस्थान के भीलवाड़ा में राजमेस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने राज्य सरकार के बजट घोषणाओं से विचलन के विरोध में महात्मा गांधी अस्पताल के बाहर हड़ताल शुरू कर दी है।
डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य सरकार ने बजट में राज्य सेवा नियमों को लागू करने का वादा किया था, लेकिन अब इन नियमों को केवल 1 अगस्त, 2024 के बाद नियुक्त होने वाले डॉक्टरों और शिक्षकों पर ही लागू किया जा रहा है। इसे लेकर राजमेस के 950 डॉक्टर हड़ताल पर हैं, जिससे भीलवाड़ा में लगभग 102 डॉक्टर प्रभावित हो रहे हैं।
मेडिकल कॉलेज के एचओडी डॉ. अनुपम बंसल ने बताया कि राजमेस के निदेशक और उपमुख्यमंत्री दर्या कुमारी के साथ शनिवार और रविवार को बातचीत सफल नहीं रही, जिसके चलते हड़ताल का निर्णय लिया गया।
राजस्थान मेडिकल एजुकेशन सोसाइटी (राजमेस) के 17 मेडिकल कॉलेजों में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के कैडर को राज्य सरकार ने “मरने वाला” घोषित कर दिया है, जिसका सभी डॉक्टर और शिक्षक विरोध कर रहे हैं।
हड़ताल से महात्मा गांधी अस्पताल की व्यवस्था बाधित होने की आशंका है क्योंकि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर ओपीडी में भी सेवाएं देते हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल से मरीजों को परेशानी होने की संभावना है।
डॉ. मिनी शर्मा ने कहा कि सरकार ने बजट में राज्य सेवा नियमों को अपनाने का वादा किया था, लेकिन वित्त विभाग और राजमेस ने वर्तमान में कार्यरत डॉक्टरों और शिक्षकों पर इन नियमों को लागू न करने का अनुचित निर्णय लिया है।
यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो डॉक्टरों ने आगे उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। हड़ताल के दौरान बड़ी संख्या में राजमेस से जुड़े डॉक्टर और शिक्षक मौजूद थे, और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए।