अस्पताल के गार्ड वेतन से वंचित: घर चलाना मुश्किल, बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं भर पा रहे

झालावाड़ के एसआरजी अस्पताल, मेडिकल कॉलेज और जनाना अस्पताल के लगभग 200 सुरक्षा गार्डों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। इस देरी ने उनके लिए घर का खर्च उठाने और अपने दैनिक जीवन का प्रबंधन करना कठिन बना दिया है।

गार्डों ने बताया कि जून और जुलाई के वेतन अभी बाकी हैं, और अगस्त का महीना भी शुरू हो चुका है। जब वे वेतन के बारे में पूछताछ करते हैं, तो कंपनी और ठेकेदार केवल उन्हें सांत्वना देते हैं और आश्वासनों का ढेर लगाते हैं।

सुरेंद्र, शंभू दयाल और साजिद जैसे गार्डों ने कहा कि उन्हें हर महीने की 20 तारीख को वेतन मिलता था। हालांकि, पिछले दो महीनों से उनका वेतन अटका हुआ है। वे लगातार संघर्ष कर रहे हैं, क्योंकि स्कूल की फीस और अन्य खर्चे उनके दायरे से बाहर हो रहे हैं।

सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से नियुक्त ये गार्ड अस्पताल के सभी वार्डों, मुख्य द्वार और अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा प्रदान करते हैं। उनका 6,915 रुपये का मासिक वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है।

अतीत में, वेतन देरी के मुद्दे पर गार्डों द्वारा विरोध प्रदर्शन और हड़तालों की खबरें आ चुकी हैं। वर्तमान स्थिति उनके लिए एक बड़ी चिंता का विषय बनी हुई है, क्योंकि उन्हें अपने परिवारों और अपने दैनिक खर्चों का प्रबंधन करना मुश्किल हो रहा है।

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